Omicron Virus का डर, पत्नी दो बच्चों की ह्त्या के बाद डॉक्टर की खुदखुशी : रूह कांपने वाली घटना

SD24 News Network – Omicron Virus का डर, पत्नी दो बच्चों की ह्त्या के बाद डॉक्टर की खुदखुशी : रूह कांपने वाली घटना

Omicron in Kanpur: भारत में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट Omicron Virus की एंट्री हो गई है। बेंगलुरु के 46 वर्षीय डॉक्टर पॉजिटिव पाए गए। खुद Omicron Virus पॉजिटिव होने के बावजूद वह घबराए नहीं, सेल्फ आइसोलेशन में चले गए और उनका इलाज चल रहा है। वहीं कानपुर का एक डॉक्टर Omicron Virus वेरिएंट के नाम से इतना परेशान हो गया कि उसने अपने परिवार को खत्म कर दिया। यह घटना जितनी चौंकाने वाली है, डॉक्टर द्वारा लिखा गया नोट उतना ही दिल दहला देने वाला है। जिसमें उन्होंने लिखा कि ‘Omicron Virus सबको मार डालेगा।’
Omicron Virus का डर, पत्नी दो बच्चों की ह्त्या के बाद डॉक्टर की खुदखुशी

डॉक्टर ने हथौड़े से पत्नी को मौत के घाट उतार दिया और बेटे और बेटी का गला घोंट दिया। डॉक्टर ने उसके भाई को व्हाट्सएप पर मैसेज कर ट्रिपल मर्डर की जानकारी दी। इसके बाद वह मौके से फरार हो गया। पुलिस को मौके से मिली डायरी में लिखा है, ‘नो मोर कोविड। यह कोविड सबकी जान ले लेगा। अब शवों की गिनती नहीं।

नजारा देख हर कोई हैरान
कल्याणपुर थाना क्षेत्र स्थित डिवाइनिटी ​​अपार्टमेंट में रहने वाले डॉक्टर सुशील रामा अस्पताल में काम करते हैं. परिवार में पत्नी चंद्रप्रभा (48), बेटा शिखर (18) और बेटी खुशी के साथ रहता था। शुक्रवार की शाम डॉक्टर सुशील कुमार ने पत्नी समेत अपने बेटे और बेटी की हत्या कर दी. डॉक्टर सुशील कुमार ने भाई सुनील को मैसेज किया था कि पुलिस को बता दो कि मैं डिप्रेशन में हूं। इस मैसेज के बाद जब सुनील फ्लैट का दरवाजा तोड़ अंदर पहुंचे तो वहां का नजारा देखकर हैरान रह गए.
कमरे से मिली डायरी में लिखा है, ‘नो मोर कोविड। यह Omicron Virusअब सबको मार डालेगा। अब शवों की गिनती नहीं होगी। अपनी लापरवाही की वजह से मैं अपने करियर के उस मोड़ पर फंस गया हूं, जहां से निकलना नामुमकिन है। मेरा कोई भविष्य नहीं है। इसलिए होश में मैं अपने परिवार को नष्ट करके खुद को नष्ट कर रहा हूं। इसके लिए कोई और जिम्मेदार नहीं है।
10 पन्नों में आगे लिखा था, ‘मैं असाध्य रोग से पीड़ित हो गया हूं। भविष्य के लिए कुछ भी नजर नहीं आ रहा है। इसके अलावा मेरे पास और कोई चारा नहीं है। मैं अपने परिवार को संकट में नहीं छोड़ सकता। मैं सभी को मुक्त करने जा रहा हूं। मैं एक ही क्षण में सभी संकटों को दूर कर रहा हूं। मैं अपने पीछे किसी को मुसीबत में नहीं देख सकता। मेरी आत्मा मुझे कभी माफ नहीं करेगी। असाध्य नेत्र रोग के कारण मुझे ऐसा कदम उठाना पड़ रहा है। अध्यापन मेरा पेशा है। जब मेरी आंखें नहीं होंगी तो मैं क्या करूंगा?
डॉ. सुशील के परिवार वालों ने बताया कि वह पिछले कई महीनों से डिप्रेशन में थे, लेकिन घरवालों ने यह नहीं बताया कि डॉ. सुशील डिप्रेशन में क्यों भाग रहे थे.

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