MP की तरह महाराष्ट्र सरकार गिराने की साजिश है बांद्रा पर भीड़
मुम्बई : अफवाह फैलाई जाती है कि मज़दूरों के लिए ट्रेन चलाई जायेगी , मज़दूरों की भारी भीड़ सड़कों पर होती है और महाराष्ट्र की ठाकरे सरकार घेरे में !! समझने वालों के लिए आसान है कि राजनीति के लिए इतनी नीच हरकत कौन कर रहा है ?? फिर मीडिया इसे हिन्दू मुस्लिम करने में लगा है तो … समझे ????, नाकामी किसकी ? फायदा किसे ?? आप समझते हैं । मेरे मराठी राज्यवासियों अगर आप नही समझते तो बोहत बुरी बात है अगर आप समझकर भी ना समझ बन रहे हैं तो आप अपने आपको अपने राज्य को धोखा दे रहे है , इस मुश्किल समय मे सब से अच्छा काम अगर कोई कर रहा है तो वह महाराष्ट्र के हमारे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे साहब ही हैं ऐसा मेरा मानना है बाकी मैं आप पर छोड़ता हुन ।
#जय_महाराष्ट्र
#जय_महाराष्ट्र
देशभर में लॉक डाउन और हर राज्य में फंसे मजदूर । दिल्ली, उत्तर प्रदेश, गुजरात जैसे राज्यों में लाखों लोग फंसे हुए है । और कई राज्यों में हजारों की संख्या में भीड़ रास्ते पर भी आ चुकी है । लेकिन अफसोस उस वक्त मीडिया जमातियों को गरियाने और हिन्दू मुसलमान में जहर घोलने का काम कर रहा था । और इसी मीडिया ने खबर चलाई थी कि 15 अप्रैल को स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएगी उन मजदूरों के लिए जो अन्य राज्यों में फंसे हुए है । उसके बाद 21 दिन तक कहीं आधी रोटी खाकर तो कहीं भूखे रहकर लोगों ने जैसे तैसे 21 दिन निकाले । क्योंकि वह लोग 15 अप्रैल के प्रतीक्षा में थे । जैसे ही उन्हें पता चला लॉक डाउन और 15 दिनों तक बढ़ाया गया । तब बात समझ मे आई के मीडिया में निज़ामुद्दीन की तरह रेल वाली खबरें भी फर्जी चलाई है । और लोग सड़कों पर उतर गए ऐसा कई लोगों का मानना है ।
गैरतलब हो कि महाराष्ट्र में महा अघाड़ी की सरकार है, बीजेपी से बागी शिवसेना के तरूण तड़फदर उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री है । महाराष्ट की जनता के दिलों पर राज कर रहे है । आपको हैरत होगी कि उद्धव ठाकरे के कार्य को देखकर विरोधी भी चाह रहे है कि दोबारा उद्धव ठाकरे ही मुख्यमंत्री हों । यह चर्चा देशभर हो रही है ।
उठ रहे अनेकों सवाल
1. मीडिया द्वारा 15 अप्रैल को स्पेशल रेलवे चलाई जाने की खबरें
2. लॉक डाउन का फिर 15 दिन के लिए बढ़ाया जाना
3. इस बीच हिन्दू और मुसलमानो के बीच नफरत का जहर मीडिया द्वारा फैलाया जाना और महाराष्ट्र में इसका जहर नाकाम रहना ।
4. महाराष्ट्र के सिर्फ बांद्रा रेलवे स्टेशन पर ही भीड़ इकट्ठा होना कुछ गड़बड़ सा लगता है ।
कई सवाल उठाए जा रहे है ।
क्या सम्पूर्ण महाराष्ट्र में सिर्फ बांद्रा में ही दूसरे राज्य के मजदूर थे क्या ?
पुणे, नाशिक, औरंगाबाद, छ. शिवजी टर्मिनस, कल्याण, ठाणे, जैसे बड़े सीटियों में नही है क्या ?
महाराष्ट्र के अलावा दिल्ली, गुजरात, उत्तर प्रदेश में जो भीड़ थी उसका मीडिया ने बाजारीकरण क्यों नही किया ?
यह सब सोची समझी चाल है । महाराष्ट्र सरकार की छवि खराब करने का सुनियोजित षडयंत्र है, ऐसा माना जा रहा है ।
मीडिया का कमीनापन
जैसे ही बांद्रा रेलवे स्टेशन पर भीड़ इकट्ठा होने की खबरे सामने आई । जहरीली मीडिया द्वारा इसमे भी हिन्दू मुसलमान का रंग बनाया गया और रेलवे स्टेशन को मस्जिद घोषित कर दिया गया । ताकि महाराष्ट्र में भी मुसलमानो के खिलाफ नफरत का जहर घोलकर साम्प्रदायिक दंगो की जमीन तैयार की जाए ।
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