LockDown : 4 मदरसों सहित मुसलमानों ने सबसे ज्यादा देश की मदद की, पर अफ़सोस…..

Crores of rupees including 4 madrasas helped the country the most.muslims
SD24 News Network
देश में सबसे ज़्यादा मुस्लिमों ने किया 1500 करोड़ दान और सब्जी बेचना हुआ मोहाल
फ्लेग की महामारी हो या बाढ़ आपदा, फौजियों की मदद हो या सरकार की देश में हर बार की तरह इस बार भी देश के मुसलमान दान देने में सबसे आगे रहे. बावजूद सके ज़हरीली मीडिया और सांप्रदायिक तत्व, भक्तों ने मुसलमानों के खिलाफ इतनी नफरत भर दी के लोग गरीब मुसलमानों से सब्जी तक नहीं ले रहे है. जो हिन्दू आज की स परिस्थिति में मुसलमानों के साथ खड़े है उन सबको मुसलामानों ने याद रखना चाहिए.

आपको बता दें की WIPRO कम्पनी के मालिक अज़ीम प्रेमजी ने 300 करोड़ राहत कोष में दान दिए, फिल्म स्टार शाहरुख़ खान द्वारा 33 करोड़ नगद एक ऑफिस मुफ्त वेंटीलेटर, सलमान खान ने 15 करोड़ नगद और एक हज़ार एम्बुलेंस दान किया, CIPLA के मालिक युसूफ ख्वाजा की ओर से देश के हर अस्पताल को कोरोना टेस्ट किट मुफ्त जिसकी कीमत का आप अंदाजा लगा सकते है देश की जानता 135 करोड़ है लगभग. असदुद्दीन ओवैसी 95, आमिर खान द्वारा 23 करोड़ रुपये नगद और मुफ्त वेंटिलेटर, क्रिकेट खिलाड़ी पठान ब्रदर्स ने 18 करोड़ दान दिए है, और जावेद अख्तर को कौन नहीं जानता उन्होंने 6 करोड़ की मदद की है, दिल्ली की जामा मस्जिद कमिटी ने 5 करोड़ की मदत की वहीँ वक्फ बोर्ड ने 38 लाख की मदद की है. शाही इमाम दिल्ली ने 46 लाख की मदद की है, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तरफ से 75 लाख की मदत की जा चुकी है. अजमेर दरगाह ने 3 करोड़ मदद देकर अपना कर्त्तव्य निभाया और नास्तिकों के मुह पर तमाचा मारा है. देवबंद मदरसा कमिटी द्वारा 12 लाख और बरेली दरगाह कमिटी की ओर से 21 लाख की मदद की गयी है.
अल्पसंख्यांक मुस्लिम समुदाय की तरफ से सबसे ज़्यादा मदद की जा चुकी है. यह आंकड़े 8 अप्रैल 2020 तक के है. अगली सूचि आने पर वह भी प्रकाशित की जाएगी गौरतलब हो की, सबसे ज़्यादा राशन सब्जी ज़रूरत की सामुग्री बांटने में भी सबसे आगे मुस्लिम समुदाय हने की पुष्टि एक सर्वे द्वारा की गयी है. सारे लीडर जो चुनाव में घर-घर जाकर दारु, पैसा पोलचिट बाँटते है (इक्का दुक्का छोड़कर) वह अपने अपने घरं में आँचल में छुपे होने की खबरे आ रही है और कुछ लीडर दो समुदाय में नफरत फैलाने के लिए जीतोड़ मेहनत करते दिखाई दे रहे है. यह है हमारे देश की असलियत जिसको जानता के मदद के लये आगे आना चाहिए वह अपने बीवी बच्चों के साथ लॉकडाउन को घरमे बैठकर त्योरार की तरह एन्जॉय कर रहे है. और जानता एक दुसरे की मदद करने में जुटी हुई है. अब जानता को यह याद रखना होगा के कौन उनकी मदद के लिए आगे आया और कौन नहीं क्यूंकि चुनाव हर पांच साल बाद आते रहते है.

 ——————————— 
(साथियों, अपने इलाके की गतिविधियाँ, विशेषताए, खबरे, लेख, फोटो विडियो माहौल, जानकारी हमें भेजे, चुनिंदा साहित्य को प्रकाशित किया जाएगा socialdiary121@gmail.com)
 ——————————–

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *