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माँ की हार्ट अटैक से मौत, अपनों ने किया इनकार, मुस्लिम मित्र आये दौड़कर और किया अंतिम संस्कार
ठाणे और नवी मुंबई महापालिका इलाके में कोरोना संक्रमितों की संख्या में दिन-ब-दिन वृद्धि हो रही है । कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 279 को पहुँच चुका है । और नवी मुंबई 206, ठाणे 41 मरीज मिले है । हर दिन संख्या बढ़ने के कारण कोरोना का ख़तरा बढ़ा हुआ है । भिवंडी, कल्याण, डोम्बीवली, उल्हासनगर सहित अन्य ग्रामीण इलाकों में संक्रमितों का आंकड़ा काफी कम ना के बराबर है । बावजूद इसके लोगों में डर का माहौल दिखाई दे रहा है ।
तो हुआ यूँ की, कल्याण में एक 70 वर्षीय वृद्ध महिला का हार्ट अटैक से निधन हो गया, लेकिन कोरना से निधन हुआ यह शंका दिल में रखकर डरे हुए स्वजातीय पड़ोसियों ने ने अंतिम संस्कार करने में मदद से इनकार कर दिया । लेकिन वृद्धा के बेटों ने अपने मुस्लिम दोस्तों को इसकी जानकारी दी, जिसके बाद मुस्लिम मित्रों ने कोई सवाल या किसी भी बात की पूछताछ दिल में डर के बिना अपने मित्र के माँ का अंतिम संस्कार करने के लिए मिनिटों में दौड़े चले आये ।
आपको बता दें की हार्ट अटैक से आयु के 70 वे साल प्रभा कलवार इनका निधन कल्याण के भोइवाड़ा में हुआ । जिसके बाद कलवार इनके लड़कों ने हिन्दू पड़ोसियों को मदद के लिए बुलाया । लेकिन कोरोना के डर से कोई सामने नहीं आया । वहीँ रविदासवाडा (काफी दूर) से लड़के के मुस्लिम मित्र दौड़ते हुए आये । और मुसलमान मित्रों की मदद से प्रभा कलवार इनका अंतिम संस्कार किया गया । लॉक डाउन के दरमियान इंसानियत के दर्शन हुए । कलवार इनके दो बेटे विदेश में रहते है, एक लड़का नाशिक में रहता है, और दो लड़के अपने माँ के साथ रहते है । वृद्ध माता कलवार कुछ दिन से बीमार थी । वह भोइवाड़ा में अपने दो बेटों के साथ रहती थी, सुबह तीन बजे के बिच माँ की तबियत बिगड़ी हुई देखकर बेटों ने पड़ोसियों को मदद के लिए बुलाया पर कोई भी मदद के लिए नहीं आया । कलवार परिवार पहले रोहिदासवाडा में रहते थे वहां कलवार के बेटों के कुछ मुस्लिम मित्र थे ।
फिलहाल रमजान होने के वजह से मुस्लिम लोग सुबह जल्दी ही जाग जाते है । कलवार इनके बेटों ने माँ की तबियत सीरियस होने की खबर अपने मित्र शाकिर शेख इनको दी । जैसे ही मित्र के माँ की तबियत खराब होने की खबर मिली तुरंत सभी मित्र भोइवाड़ा पहुंचे । पप्पू शेख, तौसिफ बागवान, सलमान शेख, कमरुद्दीन शेख, फारिक बीजापुर इनकी मदद से कलवार को अस्पताल ले जाया गया । लेकिन अस्पताल पहुँचाने से पहले ही माता कलवार की मृत्यु हो चुकी थी । उनका पार्थिव शारीर घर ले जाकर उनपर अंतिम संस्कार करने की तयारी दो बेटे और उनके सारे मुस्लिम दोस्तों ने की, लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए अपने दो बेटों ने मुस्लिम मित्रों के साथ मिलकर अंतिम संस्कार किया । रमजान के दिनों में एक और इंसानियत का मामला सामने आया तो वहीँ दूसरी तरफ मुसलमानों के खिलाफ झूठ फैलाकर हिन्दुओं के दिलों में नफरत फैलाने वाली मीडिया के मुह पर फिर एक बार जोरदार तमाचा पडा. इस खबर को फैलाकर गोदी मीडिया के दांत तोड़ दो.