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इस होली पर यानी 2020 की होली पर एक न्यूज़ खूब वायरल हो रही है जो न्यूज़ पेपर कटिंग के रूप में है । खबर है की, एक दलित को जलती होलिका में फेंका । कसूर सिर्फ इतना के वह बराबरी में खड़ा था । Sun, 04 Mar 2018 को नी दुनिया में छपी थी यह खबर
सागर। दबंगों को दलित वर्ग के एक व्यक्ति का उनके बराबरी से खड़ा होना इतना नागबार गुजरा कि उन्होंने उसे जलती होली में धकेल दिया। घटना भोपाल रोड पर सीहोरा क्षेत्र में फुटेरा गांव में उस वक्त घटी, जब होलिका दहन हो रहा था। दलित वर्ग का एक व्यक्ति सभी के साथ खड़ा होकर जलती होली में गेहूं की बालियां भून रहा था। तभी पास खड़े दंपती ने इस पर आपत्ति जताते हुए जलती होलिका में धक्का दे दिया। जब तक उसे बाहर निकला जाता, वह 60 प्रतिशत जल चुका था। उसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है।
घटना 1 मार्च की देर शाम की है। फुटेरा गांव में होलिका की पूजा के बाद लोग होलिका में आग लगाने लगे। होलिका जलने के दौरान गांव के बलराम पिता बरसाती अहिरवार उम्र 45 साल गेहूं की बालें लेकर आया और होलिका की परिक्रमा लगाकर बालें सेंकने लगा। उसके पास राजे राजपूत व उनकी पत्नी खड़ी थी। गांव के दलित व्यक्ति द्वारा बराबरी से खड़े होकर बालें सेंकना उन्हें नागवार लगा। पति-पत्नी उसे गालियां देने लगे। गाली देने से मना करने पर उसे जलती होलिका में धक्का दे दिया।
आग से बलराम के दोनों हाथ और सीना जल गया। युवक को जलता देख वहां मौजूद लोगों में भगदड़ मच गई। कुछ लोगों ने उसे होलिका से निकाला। उसे सीहोरा लाया गया प्राथमिक उपचार के बाद मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। डाक्टरों के मुताबिक युुवक 60 प्रतिशत जला है। सीहोरा पुलिस चौकी में आरोपी राजपूत दंपती के खिलाफ धारा 308, 345 तथा एससीएसटी एक्ट का केस दर्ज किया गया है। टीआई राहतगढ़ अनिल सिंह के अनुसार, पति-पत्नी के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है। उनकी तलाश की जा रही है।
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