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CoronaVirus :शैख़ सुलैमान ने 16 बिलियन्स मदद देकर खुद को “Billionaire Club” से निकाला ।
नई दिल्ली : दुनिया में कई ऐसे लोग है जो करोड़ों का दान देते है लाखो गरीबों का पेट भरते है । हर वक्त इंसानियत की मदद के लिए सबसे पहला कदम उठाते है । ऐसे ही एक शख्स है, सऊदी अरब के शैख़ सुलैमान बिन अब्दुलअज़ीज़ अल राजही हैं। 9 साल की उम्र से छोटे मोटे काम कर रहे है। 12 साल उम्र में ख़जूर इकठ्ठा करने का काम किया, महानता 6 रियाल कमाते थे। ज़मीन पर सोते और अगले दिन उसी कपड़ो में चले जाते थे। इन्होंने कभी अपने बच्चों को भी मुफ्त में पैसे नही दिए। हमेशा काम करने को प्रोत्साहित किया । 1957 में अपने तीन भाइयो के साथ मिलकर अल राजहि बैंक की स्थापना की ।
इन्होंने कोरोना वायरस रिलीफ़ के लिए 170 मिलियन रियाल इमदाद की है । इसी तरह शैख़ सुलैमान अल राजही का सऊदी अरब के शहर क़सीम में खजूरों का एक बाग़ जिसमें दो लाख पेड़ हैं । पूरी तरह से वक़्फ़ है इसमें पैंतालीस अक़साम की खजूरे होती हैं । जिनकी सालाना पैदावार लगभग दस हज़ार टन है। रिकॉर्ड के मुताबिक ये बाग़ ज़मीन पर पाया जाने वाला सबसे बड़ा वक़्फ़ है।
इस बाग़ की आमदनी से दुनिया के मुख़्तलिफ़ मुमालिक में ग़रीबों की सेवा की जाती है । और हरमैन शरीफ़ैन में अफ्तारी के खर्च इसी बाग़ से चलते हैं। गिनीज़ बुक में अबतक सबसे बड़े वक़्फ़ के तौर पर इस बाग़ का रिकॉर्ड दर्ज है। फ़ोर्ब्स मैगज़ीन ने इन्हें दुनिया के बीस महान दानी लोगों में शुमार किया है।