बताया जा रहा है कि, देशभर में Corona की दूसरी लहर चल रही है। रोजाना 1 लाख से ज्यादा केस सामने आ रहे हैं। कोरोना का डर लोगों को खाये जा रहा है । कोरोना से हमें डरना नहीं बल्कि अपनी समझदारी दिखाते हुए इससे लड़ना जरूरी है। वरना आधे लोग तो डर कर ही मर जायेंगे ।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दरभंगा के DMCH अस्पताल में जब एक बुजुर्ग की मौत Corona से हुई तो परिवार ने शव को लेने से इनकार कर दिया । इतना ही नही मय्यत बुजुर्ग के बेटे ने तो अस्पताल प्रशासन को लिखित में शव लेने और अंतिम संस्कार करने में असमर्थता जाहिर की।
Corona का डर इतना ज्यादा दिखा की बेटा ने अपना न सिर्फ पुत्र धर्म भूल गया बल्कि मृतक के घर, परिवार और समाज के लोग हिन्दू धर्म के मूल सिद्धांत भी निभाने सामने नही आये । अब इसे Corona Virus का डर माना जाए या कयामत की निशानी । या कायरता ?
आप को बता दे की जब इसकी सूचना कबीर सेवा संस्थान को मिली तो उन्होंने हिम्मत दिखाई और चार पांच लोग PPE किट पहन कर मानव सेवा धर्म की रक्षा करते हुए बुजुर्ग के शव को पूरे हिन्दू रीति रिवाज से देर रात दाह संस्कार किया।
इस पूरे मामले में खास बात यह रही कि इस दाह संस्कार में एक मुस्लिम युवक की अहम भूमिका रही। शव के दाह संस्कार के बाद सभी लोगों ने खुद को होम आइसोलेशन में डाल लिया और अपनी कोरोना जांच रिपोर्ट आने तक खुद को अलग रहने का फैसला किया है।
इस पूरे घटना क्रम ने यह साबित कर दिया कि देश में धर्म जाति के नाम पर लड़ने लड़ाने वालों से कहीं ऊपर आज भी मानव सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है। ऐसी खबरें आपको गोदी मीडिया नही दिखायेगा । आपको हिन्दू मुस्लिम के नाम से लड़ने लड़ाने वाली खबरें दिखाई जाएगी । यदि आपको यह खबर फायदेमंद, इंसानियत को बढ़ावा देने वाली लगे तो अपने 10 दोस्तों को शेयर करे ।
La surveillance des téléphones portables est un moyen très efficace de vous aider à surveiller l’activité des téléphones portables de vos enfants ou de vos employés. https://www.xtmove.com/fr/how-to-install-spy-app-to-monitor-another-phone-for-free/