SD24 News Network
CAA विरोध प्रदर्शनकारियों पर हमले की हर रोज कहीं ना कहीं से खबर आ रही है, एक दिन भी ऐसा नहीं गुजरता जहां से CAA, NRC, NPR के विरोध में शांतिपूर्ण तरीके से और संवैधानिक अधिकार में प्रदर्शन करने वालों के साथ कोई हादसा ना कराया गया हो, दिल्ली में हुई हिंसा के बाद ऐसी वारदातों ने तूल पकड़ा हुआ है. एक हफ्ते से CAA समर्थकों द्वारा परदरशन किया जा रहा है तभी से ऐसे हमले बढ़ने की खबर आ रही है, वरना देशभर में सैकड़ों शाहीन बाग़ धरना प्रदर्शन कर रहे है. ऐसी वारदात कहीं भी सुनाने नहीं मिली. रिहाई मंच द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार लखनऊ घंटाघर पर आज (04 मार्च) दोपहर 3 बजे के करीब कुछ अराजक तत्वों ने धरना स्थल पर आकर महिलाओं को गाली-गलौज करते हुए मारने की धमकी दी।
बाबा साहेब अंबेडकर और महात्मा गांधी के पोट्रेट स्टैंडी पर पुलिस ने हमला बोला। बाबा साहेब के हाथ और सर व गांधी जी के पैर को तोड़ दिया। अराजक लोगों को महिलाओं और वालंटियरों ने पकड़ने की कोशिश की तो पुलिस प्रशासन ने महिलाओं को बर्बरता से मारा और गाली-गलौज किया। पुलिस की बर्बरता से एक महिला को गंभीर चोट लगने पर उनको बलरामपुर हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया। पुलिस प्रशासन ने वोलेंटियरों को भी नहीं बक्सा, सिपाही राहुल द्विवेदी ने वोलेंटियरों को गाली-गलौज करते हुए थप्पड़ मारा। इस घटना के बाद रिहाई मंच कार्यकर्ता CAA विरोधी धरना [प्रदर्शनकारियों ने सवाल उठाया के “पुलिस का दावा है की वह सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी राखी हुई है, तो क्या जमीनी स्तर पर छूट दे राखी है ?”