मोहम्मद कलीम लखनऊ में रिक्शा चलाकर अपनी रोज़ी रोटी कमाते थे लेकिन जबसे इनका नाम उन हज़ारों प्रदर्शनकारियों में शामिल हुआ जिनपर उत्तरप्रदेश सरकार ने निजी और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है, जीना दूभर हो गया है।
‘द हिन्दू’ के अनुसार, कलीम ज़मानत पर बाहर थे, लेकिन लखनऊ पुलिस ने शुक्रवार को ज़ुर्माना न भरने के नाम पर दोबारा गिरफ्तार करके 14 दिन के लिए जेल भेज दिया है।
सामाजिक कार्यकर्ताओं और रिहाई मंच ने इसे विकास दुबे के द्वारा किए गए हत्याकांड में अपनी नाकामी छिपाने के लिए योगी सरकार द्वारा जानबूझ कर की गई करतूत बताया है।
लखनऊ पुलिस का आरोप है कि सीएए और एनआरसी के ख़िलाफ़ लखनऊ के खदरा में 19 दिसंबर 2019 को प्रदर्शन करने के दौरान इन्होंने 21.76 लाख की निजी और सरकारी संपत्ति को हानि पहुंचाई है।
ज़ुर्माना न भरने के मामले में दोबारा गिरफ़्तारी का प्रदेश में ये पहला मामला है।
आठ पुलिस कर्मियों को मारने वाले विकास दुबे का बाल बांका न कर पाने वाली यूपी पुलिस ने एक रिक्शे वाले को 21 लाख रुपये का ज़ुर्माना न अदा करने पर दोबारा गिरफ़्तार कर लिया है।
मोहम्मद कलीम लखनऊ में रिक्शा चलाकर अपनी रोज़ी रोटी कमाते थे लेकिन जबसे इनका नाम उन हज़ारों प्रदर्शनकारियों में शामिल हुआ जिनपर उत्तरप्रदेश सरकार ने निजी और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है, जीना दूभर हो गया है।
‘द हिन्दू’ के अनुसार, कलीम ज़मानत पर बाहर थे, लेकिन लखनऊ पुलिस ने शुक्रवार को ज़ुर्माना न भरने के नाम पर दोबारा गिरफ्तार करके 14 दिन के लिए जेल भेज दिया है।
सामाजिक कार्यकर्ताओं और रिहाई मंच ने इसे विकास दुबे के द्वारा किए गए हत्याकांड में अपनी नाकामी छिपाने के लिए योगी सरकार द्वारा जानबूझ कर की गई करतूत बताया है।
लखनऊ पुलिस का आरोप है कि सीएए और एनआरसी के ख़िलाफ़ लखनऊ के खदरा में 19 दिसंबर 2019 को प्रदर्शन करने के दौरान इन्होंने 21.76 लाख की निजी और सरकारी संपत्ति को हानि पहुंचाई है।
ज़ुर्माना न भरने के मामले में दोबारा गिरफ़्तारी का प्रदेश में ये पहला मामला है।
आह लखनऊ