SD24 News Network
अमेरिका ने अफगानिस्तान से लपेटा अपना बोरिया-बिस्तर
देखिए!—– अहंकार का नाश तो विश्व के सभी धार्मिक ग्रंथों में स्पष्ट रूप से लिखा है।
इन दोनो तस्वीरो को देखिए, जिसमे पहली तस्वीर (15 Feb 1989) के सेवियत यूनियन के आखरी फौज दस्ते कि है और दूसरी तस्वीर कल (10 मार्च 2020) को अमेरिकी फौज दस्ते की अफ़गानिस्तान से वापसी की है!
आज से चालीस साल पहले 2 करोड़ 30 लाख वर्ग किमी० मे फैला दुनिया का एक ताक़तवर मुल्क सेवियत यूनियन छःलाख वर्ग किमी० वाले ग़रीबतरीन मुल्क अफ़गानिस्तान पर एक सुरमा की तरह कूद पडा था!—– दस साल बाद वो ऐसे हालात मे निकला की उसके कोख से सोलह मुल्को ने जन्म लिया और वो सेवियत यूनियन ऐसा बिखर गया कि आजतक अपने ईलाके को वापस ना ले सका!
उसके बाद ताकत के नशे में धुत जब पागल अमेरिका अपनी जदीद टेक्नोलॉजी और विश्वस्तरीय वीपंस के बल पर इस खित्ते की तरफ़ आया, और फटे जूते और जंग खाई कलाश्निकोव वाले से भिड़ा तो उसे ऐसे ही ज़लील होकर वापसी शुरू कर दी।
यँहा तक कि बडे इन्टरनेशनल लीडरो का कहना है कि अमेरिका अपने मार्डन हथ्यारो का अफगानिस्तान को प्रक्षेशनगाह बना दिया, लेकिन आज उसने भी वापसी शुरू कर दी. मैने कही पढा था ” अफ़गानिस्तान दुनिया की वो वाहिद सरजमी है जँहा बाहरी फौजे कभी फ़तह नही पाई यँहा तक कि बादशाह सिकंदर भी नही।
देखिए!—– अहंकार का नाश तो विश्व के सभी धार्मिक ग्रंथों में स्पष्ट रूप से लिखा है।
रही तालिबान के सही और अमेरिका के गलत या अमेरिका के सही तालिबान के गलत होने की दलीलें तो बराए मेहरबानी मुझे मत बताइएगा। मैं गलती से पढ़ा लिखा इंसान हूँ।✍
-चौधरी सखावत