सऊदी अरब ने जो 3 बिलियन पाकिस्तान को कर्ज दिए हैं उस पर 3.2% ब्याज लेता है । सऊदी को अल्लाह ने फ़िलवक्त इतना पैसे से नवाज़ा हुआ है के अपने यहां एक शहर को बसाने में 500 बिलियन से ज़्यादा Soverign Fund से खर्च कर रहा है।
कर्ज लेने वाले की तो फिर भी मज़बूरी हो सकती हैं ब्याज पर पैसे लेना ,पर देने वाले की क्या मज़बूरी होती हैं? छोटा सा उधार दिया उसमें भी सूद ? सऊदी अरब ईस्लाम पर चल रहा है ? यह ईस्लाम है ?
जब से अंग्रेजों ने इनको अपने आदमी के तौर पर गद्दी पर बैठाने के लिए चुना ख़िलाफ़त का खात्मा कर के, तबसे हमेशा बिद्दत्त बिद्दत कर के मुस्लिमों में ही आपस में जंग करवा देने वाले, यह बताओ सूद लेना बिद्दत है कि गुनाह है ?
जनता हो सकती है अच्छी हो पर कुछ इलज़ाम उन पर भी जायेगा, कब उन्होंने आले सऊदो, उम्मायादियों यानी यज़ीद ओ मुवैया की औलादों को हटाने की कोशिश की है? अंग्रेजों ने जैसा चाहा वैसा चलता रहा है।
ईरान में फिर भी जनता हुक्मरां चुन रही है क्योंकि वह फिर भी हज़रत अली और हुज़ूर सॉ की तरफ़ देखते हैं निज़ाम चलाने के तरीके को ले कर । सऊदी और उसके प्रभाव वाला देश के शाषक मुवैया की नस्ल से हैं, इनका नजरिया मुल्कीयत का है जैसा मुवैया का था जो इनका आदर्श है। यह पैसे का इस्तेमाल और जितना ताकत है सारा इस्तेमाल कर के मुवैया की तरह शाषण पर कब्ज़ा रखने के हिमायती हैं ।
यहां न शूरा के आसार हैं । न अवाम के हुक्मरां चुनने का जो अंग्रेजों की ख्वाहिश भी है, जैसा की अँगरेज़ मुस्लिम देशों में चुनी हुई सरकार को हटा कर के तानाशाह को रखने की हमेशा कोशिश करते रहा है ताकि हुक्मरां पर इस्लामिक जनता का दबाव न हो और उसकी बैठायी सरकारें उसके हिसाब से चले, यानी undemocratic वेस्ट और undemocratic उसके पठठु ।
¿Cómo debería manejar esto una pareja una vez que descubren que su cónyuge les está engañando? Si un marido debe perdonar a su esposa por su traición es un tema que vale la pena discutir.