SD24 News Network – द्रोणाचार्य रत्न नाम सही है तो राजीव गांधी रत्न नाम क्यों नहीं?
नई दिल्ली : मोदी सरकार द्वारा जैसे ही खेलरत्न पुरस्कार से शहीद राजीव गांधी का नाम हटाया गया, सोशल मीडिया पर मोदी सरकार का कड़ा विरोध शुरू हुआ । इस विरोध का असर उत्तरप्रदेश चुनाव पर पड़ने की आशंका जताई जा रही है । इस विषय पर अनेक दिग्गज लेखकों ने भी अपनी प्रतिक्रियाएं दी है । जिससे साफ जाहिर होता है कि, मोदी सरकार मनमानी कार्यभार कर रही है । लोगों का मानना है ।
इस विषय पर RP विशाल ने अपनी प्रतिक्रिया तीखे शब्दों में व्यक्त की है वे लिखते है ।
समस्या ध्यानचंद में नहीं, ज्ञानचंद में है।
द्रोणाचार्य रत्न नाम सही है तो राजीव गांधी रत्न नाम क्यों नहीं? राजीव गाँधी नाम पर गलती है तो अरुण जेटली, नरेंद्र मोदी नाम उचित क्यों? पहले बहुत गलतियां हुई है तो अब गलतियां दोहराना कितना उचित? पहले काम करके नाम रखा है तो अब नाम बदलकर काम चलाना सही कैसे?
माना कि पहले सब का सब सही नहीं तो, अब का जो गलत है वह सही कैसे? यदि अब का सब सही तो तब का भी सब सही क्यों नहीं? अब ही केवल सब सही है तो यकीन कीजिए तब भी आप जैसे ही लोग थे, आप जैसे सही लोग हर दौर में थे इसलिए अगला भारत रत्न बाबाजी को तय
आलोक ने भी ट्विटर करते हुए सवाल उठाया है कि, राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड का नाम बदल हाॅकी के जादूगर व् महानतम हाकी खिलाड़ी स्व. मेजर ध्यान चंद जी के नाम पर कर दिया गया, निःसंदेह सराहनीय व् उचित निर्णय…
अब लगे हाथ अहमदाबाद में बने विश्व के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम का नाम नरेंद्र मोदी स्टेडियम से बदलकर क्रिकेट के किसी महान खिलाड़ी के नाम पर किया जाना चाहिए… अपना नाम जोड़ना ही है तो रेलवे – स्टेशनों , रेलवे प्लेटफ़ॉर्मों पर संचालित चाय के स्टाॅलों ( टी – स्टाॅल्स) से जोड़िए, जो जिस बैकग्राउंड का हो उसका नाम उसी फिल्ड से जुड़े तो बेहतर व् तार्किक भी…
(दो टूक @आलोक)
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