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एक सवाल हिंदू समाज के कद्दावर धर्म गुरुओं से: हिंदू धर्म अपने दावों के अनुसार अहिंसा और गांधीवाद का धर्म है लेकिन आज के भारतीय हिंदू समाज में मुसलमानों के विरुद्ध पनप रहे गोडसेवाद को देखें तो इस दावे पर सवाल खडे हो रहे हैं, मोदी के सत्ता में आने के बाद से, निरंतर मॉब लिंचिंग हो रही, जय श्री राम के नाम पर कितने मुसलमानों की हत्या की गयी, नागरिकता छीनने के कैसे प्रयास किये जा रहे हैं, धर्म संसद #कश्मीर_फाइल्स और हिंदूत्वा बुल्डोजर के माध्यम से मुसलमानों का नाम व निशान मिटाने की कोशिश हो रही है।
सैंकड़ों हज़ारों साधु संत मुसलमानों को खत्म करने के नाम पर इकठ्ठा हो रहे हैं। हिन्दू नौजवानों में मुसलमान लड़कियों को सताने और निशाना बनाने की भावनाएं भड़क रही हैं।
*मुझे तलाश है इस वक्त हिंदुओं के किसी बड़े शंकर अचार्य की, ब्राह्मण पंडित और उनके बाबा गुरुदेव की, जो हिंदुओं के इन अत्याचारों के विरुद्ध सामने आएं,यह हिंदुओं के ऐसे धार्मिक लीडर हैं, जिनके एक इशारे पर सरकारें हिल जाएं, जैसे जब कहीं मुसलमानों से गलती हो तो इस्लामी संस्था और अन्य धर्मगुरु मिलकर उसकी निंदा करके उसे रोकते हैं, लेकिन हिंदू समाज के बडे खामोश हैं।
हिंदू समाज के उच्च स्तरीय शंकराचार्य जो हरिद्वार, वाराणसी और प्रयागराज के मंदिरों में बैठे हैं, वह हिंदुओं मे बढ रहे हिंदुत्वादी आतंकवाद के विरुद्ध सामने क्यों नहीं आ रहे हैं? 2014 से अब तक कोई सामने क्यों नहीं आया?
इसके बावजूद यदि आप हिंदू धर्म गुरुओं को ऐसे स्पष्ट मानवता विरोधी मुस्लिम विरोधी अपराधों से स्वयं ही उनका वकील बन कर अलग करना चाहते हैं तो यह आप का जिगर है। क्योंकि आप इन अत्याचारों और नफरतों को शायद महसूस नहीं कर पा रहे हैं।
लेकिन हम तब तक इन मुस्लिम विरोधी नफरती अत्याचारों के लिए पूरे हिंदु समाज को क्लीन चीट नही दे सकते, जब तक उनके असली आधिकारिक धर्मगुरु इस हिन्दुत्व आतंकवाद के विरुद्ध सख्त पक्ष नहीं अपना लेते। तब तक उन पर प्रशन चिन्ह रहेगा। यही इंसाफ है।
– Samiullah Khan