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मैं सुलह की कोशिश करने के लिए एक घंटे भी नहीं जाता। अब अगर आप कहते हैं कि झगड़ा नहीं होगा तो गलत है। झगड़ा होता है तो हर दूसरे और तीसरे दिन होता है। इसका मतलब है कि झगड़े का दिन निकल रहा है। :पी
दरअसल मुझे सुबह दस बजे काम पर जाना है। इससे पहले ऑफिस में ही घर में ही काम करना होता है। कोई वहां पहुंच जाता है। तो सिदुल विजी रहता है। मुझे होटल में खाने की आदत नहीं है। अगर मैं गुस्से में घर पर नहीं खाता, तो काम पर मेरा आहार पक्का हो जाता है। तो झगड़े के बावजूद चाय ऑफिस पहुंचकर काम के लिए तैयार हो जाती है कि खाने की थाली टेबल पर ही मौजूद है।
झगड़ों का मूल कारण अक्सर काम पर जाने के लिए तैयार होने पर होता है। कमीज पर डालने में जरा सी भी देरी, पेंट, कि मैं पूरे जोर-जोर से चिल्लाता हूं। जूते-मोजे लाने में झगड़ा होना तय है। अगर वह जगह पर कभी नहीं मिलता है, तो इसे खोजने में जितना समय लगता है, मेरा हंगामा शुरू हो जाता है। और जूता जगह पर नहीं मिलता है क्योंकि काम से थक कर थक कर जूता खोला और ठोकर खाई, अब यह खोज की बात है कि वह हाल ही में कहाँ गया है।
अगर साथ रहना है तो छोटे-छोटे झगड़े भी होना जरूरी है। यह एक मजबूत रिश्ते की निशानी है। जीवन को नीरसता से बचाता है। हर व्यक्ति का स्वभाव भी अलग होता है। हर कोई मेरी तरह अनाड़ी नहीं होता।
इस लड़ाई में भी आप देख सकते हैं कि वह मुझे भूखा काम पर नहीं जाने देती क्योंकि वह जानती है कि मैं होटल में खाना नहीं खाता। न जाने क्यों होटल में मन गुलजार रहता है। जिस तरह से वे बर्तन साफ करते हैं और उनकी रसोई की हालत जब से मैंने देखी है तब से ऐसी ही है।
लेकिन शाम को वह चलता है। वह बेसुध रहती है। मैं फिर चिढ़ाता रहता हूं कि तुम सारा दिन काम करते-करते थक गए हो। एकता कपूर जी आपको पति से लड़ने के लिए स्पेशल ट्रेनिंग लेने के लिए बुला रही हैं। पंख ।
दरअसल, अगर दिल में प्यार है तो आपस में झगड़े होते हैं और वे खुद ही सुलझते चले जाते हैं। कोई अतिरिक्त दिमाग लगाने की जरूरत नहीं है।