नारी निकेतन और बाल सुधार गृह शोषण के अड्डे ही है जो राजनीतिक रूप से प्रभावशाली लोग चलाते है
#पक्ष_विपक्ष
मुजफ्फरपुर और देवरिया कांड राजनीति की गुत्थी का वो छोर था जिसको खींचने पर पिछले 70 साल से चल रही पक्ष-विपक्ष की नूरा कुश्ती नंगी हो जाती।
इस कांड पर हो रही चर्चा को खत्म करने के लिए ही क्रमबद्ध तरीके से संविधान के विरोध और समर्थन का सुनियोजित नाटक किया गया, मोदी ने गैस छोड़ी,उमर खालिद पर आज सुनियोजित तरीके से गोली चलवाई गयी(अब कुछ दिनों के लिए ये मुद्दा चलेगा),मेन स्ट्रीम-सोशल मीडिया पर बेतहाशा रकम खर्च की गई।
#विपक्ष सीमित क्रांति कर के #साइलेंट_मोड़ में जाने की फिराक में है।
मुजफ्फपुर और देवरिया में जो हुआ वो कोई नई बात नहीं है, ये सब सरकारों के समय में होता रहा है, गर्म गोश्त के ग्राहक सब पार्टियों में हैं, जो आज विपक्ष में है कल वो सत्ता में होगा, पक्ष-विपक्ष मिल कर देश की बेटियों को नोचते रहेंगे।
एक बात गांठ मार लो कोई भी कूकर्म वो भी इतने व्यापक तरीके से हो रहा हो, बिना पक्ष-विपक्ष की आपसी सहमति के चल ही नहीं सकता।
-विकास राठौर, आगरा
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