कई लोग इस फ़ैसले पर चटकारा लें रहे हैं
परन्तु हमारा मानना है कि यह फ़ैसला राजनैतिक लोगों, पूंजीपतियों, बाबाओं को बचाने के लिए बहुत बड़ी सोची समझी साजिश के तहत लिया गया है.
परन्तु हमारा मानना है कि यह फ़ैसला राजनैतिक लोगों, पूंजीपतियों, बाबाओं को बचाने के लिए बहुत बड़ी सोची समझी साजिश के तहत लिया गया है.
सुप्रीम कोर्ट का यह फ़ैसला पूरी तरह से
महिला विरोधी फ़ैसला है, जिसमें गरीब दलित आदिवासी व अल्पसंख्यक
महिलाओं के साथ जबरन बलात्कार को महिला की सहमति का नाम देकर आरोपियों को खुला छोड़
बलात्कार करने का लाइसेंस दिया गया है.
महिला विरोधी फ़ैसला है, जिसमें गरीब दलित आदिवासी व अल्पसंख्यक
महिलाओं के साथ जबरन बलात्कार को महिला की सहमति का नाम देकर आरोपियों को खुला छोड़
बलात्कार करने का लाइसेंस दिया गया है.
कोर्ट के इस फ़ैसले से ट्रफ़फ़िकिंग के मामले
बढ़ेंगे, उन्हें कोठों पर बेचा जायेगा और उनके साथ तरह
तरह के उत्पीड़न कर उनसे कहलवाया जायेगा कि वे अपनी सहमति से कोठे
पर आयी है वह किसी भी पुरुष के सम्बन्ध बनाने पर उसकी सहमति है.
बढ़ेंगे, उन्हें कोठों पर बेचा जायेगा और उनके साथ तरह
तरह के उत्पीड़न कर उनसे कहलवाया जायेगा कि वे अपनी सहमति से कोठे
पर आयी है वह किसी भी पुरुष के सम्बन्ध बनाने पर उसकी सहमति है.
497 हटाये जाने से महिला उत्पीड़न को बढ़ावा मिलेगा, राजनैतिक
पार्टियों के नेता अपनी गुंडागर्दी व दहशत फैलाने में कामयाब रहेंगे, किसी को जाति व धर्म के नाम पर दबाकर रखना है तो वह किसी के भी घर की महिला को
उठाकर ले जायेगा अपने गंदे मनसूबे को अंजाम देगा व उसके ख़िलाफ़ कंप्लेंट करवाने
की कोशिश की तो उस महिला पर ही सहमति से सम्बन्ध बनाने का आरोप लगा देगा.
पार्टियों के नेता अपनी गुंडागर्दी व दहशत फैलाने में कामयाब रहेंगे, किसी को जाति व धर्म के नाम पर दबाकर रखना है तो वह किसी के भी घर की महिला को
उठाकर ले जायेगा अपने गंदे मनसूबे को अंजाम देगा व उसके ख़िलाफ़ कंप्लेंट करवाने
की कोशिश की तो उस महिला पर ही सहमति से सम्बन्ध बनाने का आरोप लगा देगा.
अबतक जितने बाबाओं व नेताओं पर बलात्कारी के
मामले चल रहे हैं इनमें से कइयों को उम्रकैद हो चुकी है, आगे आने वाले समय में कोई और बाबा धर्म की आड़ में महिलाओं को हवस का शिकार तो
बना ले पर जेल में न जा पाए उनके लिए यह फ़ैसला कोर्ट ने लिया है, राजनीती में बैठे मनुवादी नेता गरीब दलित आदिवासी अल्पसंख्यक महिलाओं को अपनी
हवस तो बना ले पर उनके ख़िलाफ़ कोई कारवाही न हो सके उसको सज़ा न हो सके उसकी
सुरक्षा के लिए यह फ़ैसला कोर्ट ने लिया है।
मामले चल रहे हैं इनमें से कइयों को उम्रकैद हो चुकी है, आगे आने वाले समय में कोई और बाबा धर्म की आड़ में महिलाओं को हवस का शिकार तो
बना ले पर जेल में न जा पाए उनके लिए यह फ़ैसला कोर्ट ने लिया है, राजनीती में बैठे मनुवादी नेता गरीब दलित आदिवासी अल्पसंख्यक महिलाओं को अपनी
हवस तो बना ले पर उनके ख़िलाफ़ कोई कारवाही न हो सके उसको सज़ा न हो सके उसकी
सुरक्षा के लिए यह फ़ैसला कोर्ट ने लिया है।
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