दिक्कत आपको मुस्लिम बहुसंख्यक राज्य से थी? क्योंकि जमीन तो आप इन राज्यों में भी नही खरीद सकते।

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नई दिल्ली, 5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के लिए संसद के उच्‍च सदन राज्‍यसभा में जम्‍मू कश्‍मीर पुनर्गठन विधेयक पेश किया गया। इसके बाद जम्मू-कश्मीर में कई बदलाव हो सकते हैं। सबसे बड़ा बदलाव यह होगा कि अब बाहरी लोग इस राज्य में जमीन खरीद सकते हैं। इससे पहले अनुच्छेद 35-ए के तहत सिर्फ जम्मू-कश्मीर के निवासी ही जमीन की खरीद-बिक्री कर सकते हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने यह बिल पेश किया। इसका समर्थन करने वालों की सबसे बड़ी दलील यही है कि अब बाहरी लोग भी जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीद सकते हैं। लेकिन आपको बता दें कि देश में कई ऐसे राज्य हैं, जहां बाहरी लोग राज्य जमीन नहीं खरीद सकते हैं।

हिमाचल प्रदेश
जम्मू-कश्मीर से सटा राज्य है हिमाचल प्रदेश। यहां भी बाहरी लोग जमीन नहीं खरीद सकते हैं। यहां तक कि गैर कृषक हिमाचली भी  यहां कृषि योग्य जमीन नहीं खरीद सकते हैं, भले उनके पास हिमाचल का राशन कार्ड क्‍यों न हो। साल 1972 के भूमि मुजारा कानून की धारा 118 प्रभाव में आई थी, जिसके तहत कोई भी गैर-कृषक अथवा बाहरी निवासी हिमाचल प्रदेश में खेती वाली जमीन नहीं खरीद सकता है।
नॉर्थ ईस्ट के राज्य
नार्थ ईस्ट में कई ऐसे राज्य हैं, जहां बाहरी लोग जमीन नहीं खरीद सकते हैं। अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मिजोरम, मेघालय, सिक्किम और मणिपुर ऐसे ही राज्य हैं। यहां तक कि नार्थ ईस्ट के निवासी भी एक-दूसरे के राज्‍य में जमीन नहीं खरीद सकते हैं।
सिक्किम में केवल सिक्किम के निवासियों को ही जमीन खरीदने की अनुमति है। भारत के संविधान का अनुच्छेद 371एफ, जो सिक्किम को विशेष प्रावधान प्रदान करता है, बाहरी लोगों को शामिल भूमि या संपत्ति की बिक्री और खरीद पर प्रतिबंध लगाता है। इसके अतिरिक्त राज्य के जनजातीय क्षेत्रों में केवल आदिवासी ही भूमि और संपत्ति खरीद सकते हैं।
वहीं, नागालैंड को भी कश्मीर जैसा विशेष प्रावधान मिला हुआ है। 1963 में राज्य बनने के साथ ही विशेष अधिकार के रूप में आर्टिकल 371 (A) का प्रावधान मिला था। इसमें ऐसे कई मामले में जिसमे दखल नहीं दिया जा सकता है। 
1.धार्मिक और सामाजिक गतिविधियां
2.नगा संप्रदाय के कानून
3. नगा कानूनों के आधार पर नागरिक और आपराधिक मामलों में न्याय
4.जमीन का स्वामित्व और खरीद-फरोख्त
साफ तौर पर जम्मू-कश्मीर ही ऐसा राज्य नहीं है, जहां यह कानून अस्तित्‍व में रहा है। भारत के विभिन्न राज्यों को जमीन और कानून के मामले में विशेष दर्जा मिला हुआ था।
ऐसे में आप जान गए होंगे कि सिर्फ जम्मू-कश्मीर ही ऐसा राज्य नहीं है, जहां ऐसा प्रावधान किया गया था। भारत के विभिन्न राज्यों को जमीन और कानून के मामले में विशेष दर्जा मिला हुआ था। (दैनिक जागरण से)

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