रिपोर्ट : नांदेड़ कार्पोरेटर निकम्मे, नाकारा, या Congress के गुलाम ? CAA विरोधियों में रोष

SD24 News Network Network : Box of Knowledge
SD24 News Network
रिपोर्ट : नांदेड़ कार्पोरेटर निकम्मे, नाकारा, या Congress के गुलाम ? CAA विरोधियों में रोष
मुम्बई : देशभर में चल रहे NRC, NPR, CAA के विरोध में बहुजन समुदाय रास्ते पर उतरा हुआ है । कई मुसलमानो में कुर्बानियां दी है । रात-दिन महिलाएं धरना प्रदर्शन कर रही है । देशभर में Shaheen Bagh नाम से हजारों धरना प्रदर्शन जारी है । उसी तरह मजराष्ट्र के जिला नान्देड़ में भी जारी है । आपको नांदेड़ का परिचय अलग से कराने की जरूरत नही, क्योंकि देशभर में मोदी लहर के बावजूद नांदेड के अशोक चव्हाण लीड से चुनकर आये थे और देशभर में चर्चा का विषय बने थे ।  और उसके बाद एकबार फिर नांदेड़ चर्चा का विषय तब बना जब ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर अशोक चव्हाण मूकदर्शक बनी रहे एयर चुनावी माहौल के मुसलमानो के तीखे सवालों का सामना करना पड़ा और लोकसभा में करारी हार हुई यह भी चर्चा का विषय बना था ।

बुरी तरह क्यों हारे थे अशोक चव्हाण ?
नांदेड़ में अशोक चव्हाण का वोट बैंक मुस्लिम है । शंकरराव चव्हाण के साथ भी मुस्लिम समुदाय कई साल तक खड़ा रहा औऱ देश के गृह मंत्रालय तक पहुंचाया । उसी तरह अशोक चव्हाण को सेक्युलर मानते हुए कई सालों से नांदेड़ जिले की बागडोर थमाई लेकिन अब मिस्लमान जागरूक हो चुका है औऱ वोटबैंक की राजनीति करने वालों को अच्छी तरह पहचान रहा है । यही कारण रहा अशोक चव्हाण के 2019 लोकसभा चुनाव में करारी हार का ।

क्या नांदेड़ के कॉर्पोरेटर कांग्रेस की कठपुतलियां है ?
नांदेड़ महानाहरपालिक पर कई दशकों से कांग्रेस का कब्जा है । सेक्युलर कांग्रेस अब अंदर से कम्युनल होने और RSS की बेटी होने के इल्जाम लगाए का रहे है । इन आरोपों का सामना पिछली लोकसभा से कांग्रेस को करना पड़ रहा है । कांग्रेस को 2019 के विधानसभा चुनाव के भी अपने मुस्लिम नेताओं द्वारा कई आरोपों का सामना करना पड़ा । जिसके बाद पूर्व महापौर अब्दुल सत्तार चर्चा का बिषय बने । SD24 News Network ने भी कई खबरे चलाई । लोगों ने अब्दुल सत्तार को मुसलमानो का लीडर बना डाला और खूब सराहा । सर पर लेकर नाच रहा था मुस्लिम समुदाय । जैसे ही चुनाव खत्म हुए तो पता चला कि अब्दुल सत्तार महज रूसा-रूसी का नाटक कर रहे थे । चुनाव के एक हफ्ते बाद अशोक चव्हाण को बधाई देने चले गए जिसके बाद लोगो के समझ मे यह आ गया कि राजनीति में भरोसा करने लायक कोई बचा ही नही । बता दें की, youtube पर एक विडियो आया है जिसमे अब्दुल सत्तार बता रहे है की, “हम 73 पार्षद (नगरसेवकों) को लेकर CAA विरोधी प्रताव पास करवाएंगे”

अब क्यों नांदेड कांग्रेस के कॉर्पोर्टर्स सवालों के घेरे में ?
जैसा कि हमने आपको बताया देशभर में NRC, NPR, CAA के विरोध में धरना प्रदर्शन जारी है । अबतक लगभग 15 राज्य ने NRC, NPR, CAA के विरोध में प्रस्ताव पास किया । हजारो नगरपालिका, महानगरपालिकाओं ने प्रस्ताव पास किया लेकिन नांदेड़ महानाहरपालिक ने प्रस्ताव पास नही किया और माँ ही किसी नगरसेवक/ कॉर्पोर्टर्स की हिम्मत है करने या कहने की । नांदेड़ महानाहरपालिक के विरोध में खास कर मुस्लिम नगरसेवकों के विरोध के आम लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर है । नांदेड़ के मुस्लिम नगरसेवक पहले भी सवालों के घेरे में आ चुके हैं । लोगो मे आरोप लगाना शुरू किया है के “साहेब” के आगे मुह खोलने की किसीकी हिम्मत नही । नांदेड महानाहरपालिक गंदे अंडों की दुकान बन चुकी है । लोगों ने नगरसेवक नही “साहब” के गुलामों को चुनकर दिया है । सारे नगरसेवक निकम्मे और नकारा है । इतने विरोध के बाद भी नांदेड़ महानाहरपालिक NRC, NPR, CAA के खिलाफ प्रस्ताव पास करती है या नही इसपर लोगों की नजरें टिकी हुई है । वरना क्या हर 5 साल में चुनाव तो आते ही है वही होगा जो 2019 लोकसभा चुनाव में हुआ ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *