दोस्तों इस दौर में सोशल मीडिया एक्स्ट्रा फोर्वोर्ड हो चुका है. कई बुद्धिजीवियों का आनना है की निर्भया के द्पोशियों को फांसी की सा दिलाने में सोशल मीडिया का बड़ा योगदान रहा. इस तरह के कई मामले है जिसको सोशल मीडिया की आवा ने न्याय दिलाया. गौरतलब हो की, पूर्व CJI रणन गोगोई के राज्यसभा सदस्यता को लेकर इसी सोशल मीडिया पर आलोचनाओं के अम्बार लगे हुए है. हाल ही में एक ट्रेंड चलाया जा रहा है. “LOYA की एक दिन की जिंदगी, GOGOI के 100 साल की जिंदगी से बेहतर है” SD24 News Network के माध्यम से सर्वे किया जा रहा है की इस बात में कितनी सच्चाई है. इसीलिए आप निचे “YES” या “NO” पर टिक करें और वोट का बटन दबाएँ… धन्यवाद… !
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