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मीडिया का ज़हर मुसलमानों पर बढे हमले, कई जगह गांवबंदी, दूषित माहौल – रिपोर्ट
मुंबई: एक हफ्ते सेलगातार तबलीग जमात के खिलाफ झोटी खबरे फैलाकर मुसलानों के खिलाफ हिन्दुओं को खडा करने की साजिश कर रही है अपराधी मीडिया । गौरतलब हो की बिकाऊ मीडिया की लाइन में अब देशभर से सराही गयी NDTV और ANI भी शामिल हो गयी है । इनके ख़बरों को भी स्थानीय पुलिस ने झूठ साबित किया फटकार लगाते हुए पोर्टल से खबरें डिलीट करने को कहा है । पुलिस के सूझबूझ और तत्काल एक्शन से ख़बरों को डिलीट तो किया जा रहा है, लेकिन मुसलमानों के प्रति कुंठा रखने वाले सांप्रदायिक तत्वों द्वारा खबरों के स्क्रीनशॉट को FACEBOOK,TWITTER, WHATSAPP पर धड़ल्ले से वायरल किया जा रहा है ।
मुसलमानोंपर हमले और गांवबंदी की घटनाएं बढ़ी
गौरतलब हो की दुनियाभर में मुसलमानों और तबलीगी जमात की बदनामी के बावजूद मुसलमानों की खामोशी का फायदा उठाकर और भी ज्यादा खबरें वायरल की जा रही है । ज्ञात हो की देशभर में अपराधी मीडिया के खिलाफ सैकड़ों FIR दर्ज किये जा चुके है फिरभी बदनामी और फर्जी खबरें रुकने का नाम नहीं ले रही है । जिसके बाद मुसलमानों पर हमले और गांवबंदी की घटनाओं ने तुल पकड़ा हुआ है । कई जगह मुसलमानों को कोरोना फैलाने वाला कहकर पिटाई की जा रही है, तो सैकड़ों गाँव में मुसलमानों को आने के लिए पाबन्दी लगाई जा रही है । इस तरह के कई विडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे है । हाल ही में राज ठाकरे द्वारा आपत्तिजनक बयान देने के विरोध में महाराष्ट्र के लातूर में एक मुस्लिम शिकायत करने पुलिस थाणे गया । जिसके बाद पुलिस ने उसे बुरी तरह से पिटा वह अस्पताल में एडमिट है इस तरह के पोस्ट महाराष्ट्र में गूँज रही है । इससे साफ़ अंदाजा लगाया जा सकता है की मुसलमानों के सब्र का बांध तोड़ने की कोशिस की जा रही है । उसल्मानो को अपराधी घोषित करने की कोशिस की जा रही है । जो देश की एकता और अखण्डता के लिए खतरे की घंटी है ।
पुलिस क्यूँ नहीं कर रही FIR ?
आपको बता दिन की कईराज्य की पुलिस ट्विट हैंडल से फर्जी खबरों के ट्विट, फेसबुक पोस्ट पर फटकार लगाई जा चुकी है और पोस्ट को डिलीट करने की सलाह दी जा चुकी है । मतलब के पुलिस भी मानती है के कुछ अपराधी मीडिया द्वारा झूठ का जहर परोसा जा रहा है बावजूद इसके पुलिस इनपर FIR क्यों नहीं कर रही इस तरह के सवाल उठ रहे है ।
कैसे बनाया जा रहा दूषित माहौल
कई सामाजिक संगठन और समाज केबुद्धिजीवियों द्वारा मुसलमानों को हिदायत दी जा रही है की, वह भ्रामक खबरों पर ध्यान ना दे,उन्हें इग्नोर करें । क्या ऐसा करने से झूठी खबरे फैलाना बंद हो आयेगा ? गौरतलब हो की कोई भी जाती या धर्म हो हर जाती और धर्म इ कुछ जबाती युवा होते है । यह नैसर्गिक होता है । उपरोक्त सभी घटनाओं से ऐसा अंदाजा लगाया जा रहा है की, मीडिया द्वारा दोनों समुदाय के लोगों को भड़काकर दंगा फैलाने की साजिश रची जा रही है जो कोरोना वायरस के दौर में लॉकडाउन के चलते अगर सोचा जाए तो बहुत खतरनाक चित्र नजर आयेगा । अनुचित घटना घटने से पहले सरकार द्वारा अपराधी मीडिया जो झूठ फैला रही है उनके खिलाफ कड़ी कारवाही करने की मांग की जा रही है । SD24 News Network द्वारा सभी समुदाय के युवावों से अपील की जाती है की, भ्रामक खबरें ना फैलाए और जैसे ही ख़बरों में झूठ और भ्रामकता दिखाई दे अपने इलाके के पुलिस को इसकी सुचना twitter, फेसबुक, व्हाट्सएप या ईमेल द्वारा दें, घर में रहे, सुरक्षित रहे, पुलिस, डॉक्टर, आरोग्य कर्मियों का सहयोग करें । यदि आप पुलिस को डंडा उठाने मजबूर ना करते हुए घरों इ रहेंगे तो पुलिस प्रशासन आपको किसी भी चीज की कमी महसूस होने नहीं देगा । हमने ऐसे कई विडियो और खबरे प्रकाशित की है ।