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Big Breaking: शहर छोड़ कर गांव जा रहे 6.63 लाख मजदूर कोरोना पॉजिटिव !
Corona-virus के कारण किये देश व्यापी LockDown के बाद शहरों से गांवों की ओर पलायन करने वाले 30% लोग कोरोना पॉजिटिव हो सकते हैं। यह सनसनीखेज खुलासा किसी और ने नहीं बल्कि central government ने किया है। केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए Solicitor General तुषार मेहता ने कहा कि इस बात की आशंका ज्यादा है कि शहरों से गांव जा रहे 10 में से तीन लोग Corona-virus लेकर जा रहे हैं। दिल्ली से अपने-अपने घरों की ओर पलायन कर रहे दिहाड़ी मजदूरों को रास्ते में सुविधा मुहैया कराने के लिए दाखिल की गयी याचिका पर तुषार मेहता सुप्रीम कोर्ट के सामने केंद्र सरकार का पक्ष रख रहे थे।
Solicitor General तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि अलग-अलग राज्यों में पहुंचे लगभग 22.88 लाख प्रवासी मजदूरों, गरीबों और दिहाड़ी श्रमिकों को उनके गांवों से अलग जगह पर रोका गया है और सरकार की ओर से भोजन और आश्रय दिया जा रहा है। Solicitor General के साथ Union Home Secretary भी वीडियो कॉन्फ्रेंस सुनवाई में शामिल हुए। उन्होंने कहा, केंद्रीय नियंत्रण कक्ष के अनुसार, अब तक 6.63 लाख लोगों को अलग-अलग केंद्रों में रखा गया है। Union Home Secretary ने कहा कि अब कोई प्रवासी श्रमिक सड़क पर नहीं है।
कोरोना महामारी को लेकर केंद्र सरकार ने सनसनीखेज खुलासा किया है कि शहर से गांव की ओर पलायन कर रहे कामगरों में से 30 फीसदी कोरोना पॉजिटिव हो सकते हैं। केंद्र सरकार ने यह खुलासा सुप्रीम कोर्ट के सामने सॉलिसीटर जनरल के माध्यम से किया है।
Solicitor General तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत को बताया कि केंद्रीय गृह सचिव ने बताया है कि सुबह 11 बजे तक एक भी दिहाड़ी मजदूर सड़क पर नहीं हैं।’ चीफ जस्टिस एसए बोबडे और जस्टिस एल नागेश्वर राव याचिका पर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कहा कि शेल्टर होम आदि के प्रबंधन का काम वॉलंटियर को दिया जाए, पुलिस को नहीं। उन्होंने सरकार से कहा कि आप यह सुनिश्चित करें कि वॉलेंटियर लाए जाएं, बल या धमकी का उपयोग नहीं होना चाहिए। (सोर्स न्यूज़24)
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