#मिडिया_का_ज़हर
दिनेश ने जिस दिन से फल बेचना प्रारम्भ करा आज तक बेच रहा है। रमजान उसके लिए एक सीज़न समान है, बम्पर बिक्री करता था हर साल इस साल भी उसने एक पूरी गाड़ी तरबूज़ की मंगा ली लेकिन आज तीसरे रमजान तक किसी एक मुस्लिम ने उससे तरबूज़ नहीं ख़रीदा। मुस्लिम बहुल छेत्र है कल कोरोना के चलते दो लोगो की मिर्त्यु हो गई, पड़ोस के मोहल्ले मैं प्रशासन ने पूरा मोहल्ला सील कर दिया न कोई मोहल्ले से बाहर जा सकता न कोई मोहल्ले मैं आ सकता जो सामान खरीदना बेचना हो खाने पिने का यही से खरीदों यही बेचो मोहल्ले के मुस्लिम दिनेश से बिलकुल तरबूज़ नहीं ले रहे।
आज उसने पंद्रह रु किलो कर दिए और लोग बीस रु किलो दे रहे है तो भी, दिनेश ने बताया दबी दबी ज़बान मैं कह रहे है। मुस्लिम सब्ज़ी वालों को मारा जा रहा है उनके ठेले फेके जा रहे है । हम मुस्लिम से ही सामान लेंगे, इस कोरोना ने दिनेश के दिल मैं जो गंगा जमुना की तस्वीर थी उसको पूरी तरह धूमिल कर दिया उसे शांति भी है । व्हाट्स एप पर जो उसके विडिओ है कहता है मुझसे फल भले न खरीद रहे हो लेकिन मुझे मार तो नहीं रहे, भक्तो तुम्हारी नफरत काम कर रही है । सांप भूखा है अपने अंडे बच्चे खा रहा है
तस्वीर संकेतिक है किसी का अपमान नहीं करना और कोई ज्ञान मत देना यह सत्य घटना आँखों देखी है अभी कुछ देर पहले की – लेखिका अनिता संजीव फेसबुक सेलिब्रेटी है ।