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सरकार से टकरा जाने वाली सफुरा ज़ुल्म के खिलाफ लड़ने की ताकत रखती हैं
सफूरा जरगर एक महिला हैं। महिला के साथ बहादुर हैं। सरकार से टकरा जाने की ताकत रखती हैं। ज़ुल्म के खिलाफ लड़ने की ताकत रखती हैं। गरीबों के हक़ के लिए लड़ने की ताकत रखती हैं। इतनी मजबूत महिला को जो तीन महीने प्रेग्नेंट थी। उन्हें जेल में डाल दिया जाता है। संघियों द्वारा उनपर बेहद गम्भीर आरोप लगाए गए सफूरा के पेट मे पल रहे बच्चा को हरामी कहा गया। सफूरा के चरित्र पर हमला हुआ। आप जानते हैं ऐसा क्यों हुआ? मेरा यही मानना है सफूरा एक मुसलमान लड़की है।
सिर्फ इसी लिए भद्दी भद्दी गालियों से नवाजा गया। क्या गालियां देने वाले नही जानते सफूरा शादीशुदा हैं। पेट मे पल रहा बच्चा सफूरा का है। अभी कुछ लोगों के द्वारा शेयर किए जा रहे स्क्रीनशॉट देखा इंदौर के सराफा थाने की प्रभारी जो खुद एक महिला हैं सफूरा पर बेहद गम्भीर/घटिया टिप्पणी करती हैं। यह एक पढ़ी लिखी सभ्य समाज की महिला अफसर हैं। ऐसी टिप्पणी क्यों? जवाब बस एक मुसलमान होना। ऐसी सैंकड़ो महिलाएं हैं जो एक महिला होते हुए दूसरी महिला के ऊपर ऐसी गन्दी टिप्पणी करती हैं। आप ऐसे समाज से क्या उम्मीद रखेंगे। जो मुसलमान औरतों के प्रति इतनी गन्दी मानसिकता रखते हों।
-सिम जावेद वाया सोशल मीडिया