इस्लाम में दाखिल होने के बाद जानिये कैसा रमजान मना रहे है Joram Klaveren

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इस्लाम में दाख़िल होने के बाद यह मेरा पहला रमज़ान है ये एक बहुत रोमांचक पल है, मैं थोड़ा तनावग्रस्त और आश्वस्त था। मुझे सिर्फ यह फ़िक्र थी कि क्या मैं अपना पहला रोजा आसानी से रख पाऊंगा! जो लगभग 18 घंटे लंबा है । अल्हम्दुलिल्लाह मैं 3 बजे उठा और मेरी पत्नी के साथ सेहरी की। फ़ज्र की नमाज़ के बाद हम फिर से सो गए। दिन बीत रहा था, मैंने खुद को बहुत शांत, समर्पित और सांस्कारिक महसूस कर रहा था। मैं अपने आप में आध्यात्मिकता महसूस करता रहा। दिन के बीच में, मुझे लगा कि मेरा पेट खाली है और यह तरल पदार्थ की तलाश कर रहा है। थोड़ा दर्द मेरे पूरे शरीर के अंदर हो रहा था, यह एक मज़ेदार एहसास था जो मैंने अपने रोज़े के दौरान अनुभव किया था। मैंने बस प्रार्थना की, अल्लाह मेरी तकलिफ पर इनाम दे।

इफ्तार के आखरी समय के करीब आने पर मैं शरीर के अंदर कुछ महसूस कर रहा था। ऐसा लग रहा था जैसे मैं तैर रहा हूं और मेरे गुनाह पानी की तरह मेरे शरीर से नीचे गिर रहे हैं। अल्लाह गवाह। मैं सब्र के साथ अफ़्तार के वक्त का इंतेज़ार कर रहा था। एक तुर्की भाई ने मुझे अरबी खजूरों का तोहफा भेजा था। अफ़्तार में मैंने एक खजूर और पानी लिया, अल्हम्दुलिल्लाह। मुझे लगता है कि मेरे रब़ ने मुझ पर रहम किया। मेरी आंखों से आंसू बह रहे थे, मैं सोच रहा था कि यह इस्लाम मेरे पैगंबर मुहम्मद (pbuh) की जिस्म के लिए खून की मानिंद था, मुझे लगता है कि रमजान का तोहफ़ा मुसलमानों को पाक करने का एक ज़रिया है। और उन्हें अल्लाह पाक की नफ़रमानी न करने की तौफ़ीक दें।

ये कारगुज़ारी नीदरलैंड के Joram van Klaveren की है जिन्होने हाल ही में इस्लाम कुबूल किया है, इस्लाम में आने से पहले joram, ग्रीट विल्डर के साथ मिलकर देश भर में इस्लाम और मुसलमानो के खिलाफ़ मुहिम चलाया करते थे, इनका कहना है मैंने इस्लाम के ख़िलाफ़ एक किताब लिखते लिखते इस्लाम कुबूल कर लिया।

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