“अर्नब गोस्वामी शुद्ध सांप्रदायिक हिंसा में लिप्त हैं, इस सांप्रदायिक हिंसा को रोकें सुप्रीम कोर्ट”

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“अर्नब गोस्वामी शुद्ध सांप्रदायिक हिंसा में लिप्त हैं, इस सांप्रदायिक हिंसा को रोकें सुप्रीम कोर्ट”
देश का एक बड़ा समूह अर्नब गोस्वामी के गिरफ्तारी के समर्थन में है । जितने लोग गोस्वामी के समर्थन में उतरे है उससे कई गिना लोग उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे है । उनकी गिरफ्तारी की मांग से सोशल मीडिया भरा पडा है । कई लोगो का मानना है के अर्नब गोस्वामी सांप्रदायिक हिंसा फैलाते है । यही बात वरिष्ठ एडवोकेट कपिल सब्बल ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय में कही है ।

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (11 मई) को अंग्रेजी समाचार चैनल ‘रिपब्लिक टीवी’ के विवादास्पद एंकर और संस्थापक अर्नब गोस्वामी द्वारा दायर एक याचिका में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया, जिसमें मुंबई पुलिस द्वारा बांद्रा में प्रवासियों के इकट्ठा होने की उनकी रिपोर्ट के जरिए सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए दर्ज की गई एफआईआर को रद्द करने की मांग की गई है। जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और एमआर शाह की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने एफआईआर पर फैसला सुनाने तक के लिए कठोर कार्रवाई से अंतरिम सुरक्षा प्रदान की।

बता दें कि, पालघर में दो साधुओं सहित तीन व्यक्तियों की पीट-पीट कर हत्या किए जाने की घटना के मामले में अपने कार्यक्रम में कथित टिप्पणियों की वजह से जांच का सामना कर रहे अर्नब गोस्वामी एक समाचार कार्यक्रम के दौरान धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में मुंबई पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दर्ज की गई नई प्राथमिकी निरस्त कराने के लिए वह हाल ही में सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे, जिस मामले पर आज सुनवाई हुई। बता दें कि, पूरे भारत में सांप्रदायिक तनाव फैलाने के आरोप में अर्नब गोस्वामी इन दिनों गिरफ्तारी का सामना कर रहे है।

सुनवाई के दौरान अर्नब गोस्वामी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने सुप्रीम कोर्ट की पीठ से बार-बार केस सीबीआई को स्थानांतरित करने के लिए कहा। बता दें कि, सीबीआई अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को रिपोर्ट करती। सुनवाई के दौरान, पीठ ने मौखिक रूप से कहा कि याचिकाकर्ता के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट में उचित उपाय उपलब्ध हैं, चाहे वह अग्रिम जमानत के रूप में हो या एफआईआर को रद्द करने के लिए।
Livelaw की रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई पुलिस की निष्पक्षता पर संदेह व्यक्त करते हुए हरीश साल्वे ने मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को हस्तांतरित करने की मांग की। इस दौरान उन्होंने जोर देकर कहा कि जांच उचित तरीके से नहीं चल रही है।

कपिल सिब्बल ने शीर्ष अदालत से कहा, “वह (अर्नब गोस्वामी) शुद्ध सांप्रदायिक हिंसा में लिप्त हैं।” सिब्बल ने कहा, “इस सांप्रदायिक हिंसा को रोकें। शालीनता और नैतिकता का आपको (अर्नब गोस्वामी) पालन करने की आवश्यकता है। आप सनसनीखेज चीजों के माध्यम से लोगों को कलंकित कर रहे हैं।”

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