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12 घंटे की ड्यूटी, 14 घंटे का रोजा, ऐसे फर्ज को अंजाम दे रही मदीना कुरेशी
मदीना कुरैशी 44 डिग्री टेम्प्रेचर में रोजा रखकर तथा 12 घंटे ड्यूटी कर कोरोना योद्धा बनकर राष्ट्रसेवा में जूटी है । कुरैश समाज की प्रथम महिला नर्स है। समाज मदीना कुरैशी की काबलियत पर फख्र महसूस करता है ।
Salute Madina Qureshi
देश की रक्षा में अग्रणी रहने वाले झुंझुनू जिले के छोटे से गांव केड की बेटी तथा गांव गुढागोडजी की बहू कुरैश समाज की बेटी मदीना कुरैशी नर्स ग्रेड-2, गर्मी के 44 डिग्री तापमान तथा रमजान माह के पाक और पवित्र महीने में 14 घंटे भूखी प्यासी तथा बिना खाए पीए रहकर रोजा रखकर कोरोना योद्धा बनकर करोना मरीजों की सेवा कर रही है।
मदीना कुरैशी जयपुर के रेड जोन एरिया में होने के बावजूद भी वह राजकीय महिला चिकित्सालय सांगानेरी गेट जयपुर में कोरोना पीड़ितों के उपचार में जुटी है। मदीना कोरोना रैपिड रिस्पोंस टीम लगातार दो महीने से ड्यूटी कर कोरोना योद्धा बनकर राष्ट्र सेवा व संक्रमितों का इलाज कर रही है। करो ना पीड़ितों का इलाज करते समय पूरी सावधानी बरतने के बावजूद भी नर्सिंग स्टाफ पर खतरा बना रहता है। मुस्लिम समाज में एक धारणा बनी हुई है थी लडकी पढ लिखकर क्या करेगी। मदीना बानो इस धारणा को तोडते हुए। बंधन की सारी सीमाओं को तोड़कर आगे बढी नर्सिंग ट्रेनिंग के दोरान काफी कठिन समस्याओं का सामना करना पडा । लेकिन मदीना बानों की सास मोबीना बानों व पति जाकिर हुसैन कुरैशी ने होंसला बढाकर कुरैश समाज में एक नई मिशाल पेश की है। आज कुरैश समाज उसकी काबलियत पर फख्र महसूस करता है। झुंझुनूं जिले व कुरैश समाज की पहली महिला नर्सिंग कर्मी है।
मदीना कुरैशी पिछले दो माह से अपने परिवार से दूर रहकर राष्ट्रसेवा में महत्त्वपूर्ण योगदान निभा रही। इसके दो बच्चे गुढागोडजी गांव व पति विदेश में नौकरी करते हैं। वह अपने बच्चे व पति से बात करने के वीडियो कॉल का सहारा लेती हैं।