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कांग्रेस के पास ऑर्गनाइज्ड करप्शन करने का पुराना अनुभव है, जनता इस खेल में चाबी है !
वर्तमान के सभी क्षेत्रीय दल कांग्रेस के खिलाफ खड़े हुए थे। कांग्रेस के पास ऑर्गनाइज्ड करप्शन (Organized Corruption) करने का पुराना अनुभव है, ऑर्गनाइज्ड करप्शन का एक पहलू ये है कि इसका प्रभाव जनता पर सीधा और एकदम नहीं पड़ता है। इस ऑर्गनाइज्ड करप्शन (Organized Corruption) से कमाये पैसों को उसने चुनावी राजनीति को महंगा करने के लिए खर्च किया।
चूंकि क्षेत्रीय दलों के पास ना तो ऑर्गनाइज्ड करप्शन (Organized Corruption) करने का अनुभव और ना ही सिस्टम था, लेकिन सत्ता की चमक से चुधियायी आंखों से केवल दौलत ही नजर आती है,और साथ ही निचले स्तर के नेताओं को भी अपने साथ बांध के रखना था, जिसके परिणाम स्वरूप क्षेत्रीय दलों के मठ महंतों ने दोनों हाथों से दौलत बटोरनी शुरू की, और नीचे के लोगों को लूट की छूट थी, जिसके लिए उन्होंने उठाईगिरी के स्तर तक गिरकर दौलत को इक्कठा किया।
ऑर्गनाइज्ड करप्शन का प्रभाव जनता पर सीधा नहीं पड़ता जिसकी वजह से एन्टीइनकम्बेंसी बहुत देर से पैदा होती है, और जनता से सीधी लूट से एंटीइनकम्बेंसी बहुत जल्दी पैदा होती है, जिसकी वजह से क्षेत्रीय पार्टियां बहुत तेजी से सिकुड़ी हैं।
ऑर्गनाइज्ड करप्शन के महत्व को भाजपा ने समझा जिसके लिए उसने अपना इंफ्रा तैयार किया,संगठन मजबूत किया,मीडिया को मैनेज किया,उद्योगपतियों के साथ गठजोड़ मजबूत किया,खुद के नए कॉरपोरेट हाउस खड़े किए। अब इस स्थिति में अभी के क्षेत्रीय दलों का टिके रहने बहुत मुश्किल है।
– लेखक विकास तेली, स्वतंत्र पत्रकार है, उनके निजी विचार है