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भाड़े का टट्टू निकला भाजपाई सोनू सूद ? EXPOSE || OPERATION KARAOKE ||
यह बात तो मेरे ज़हन में भी आ रही थी के जहाँ राज्य सरकारों पर इलज़ाम लग रहा हो के वह ट्रेन एक्सेप्ट नहीं कर रहे ,यानी ट्रांसपोर्ट का साधन है राज्य ले रहे उनके राज्य में कोरोना फैलने के डर से तो यह सोनू सूद को कैसे परमिशन मिल जा रही बस भेजने की।
आज जब कोबरा पोस्ट नज़र से गुज़रा के सोनू सूद तो वह हैं जो 2019 एलेशन में मोदी को जिताने के समर्थन में ट्वीट करने के किये 1.5 करोड़ के ऑफर के बदले 2.5 करोड़ महीने पर अड़ा था तो बात समझ आ गयी के यह तो पुराना भाड़े का टट्टू है। (कोबरा पोस्ट का स्टिंग ) ।
इसकी तारीफ़ करने वाले भी कौन हैं इस पर गौर करना चाहिए , स्मृति ईरानी ,महाराष्ट के राज्यपाल ,गोदी मिडिया । गोदी मिडिया ने सोनू सूद को सूद सहित हाईलाइट किया है। गोदी मिडिया जो करे वह सीधे शक के घेरे में आ जाता है।
सबसे अहम सवाल यह है के जो इतने टवीट तैर रहे के सोनू भैया मदद करो ,पुलिस थाने जा जा कर चप्पल घिस गयी और सोनू जी कहते हैं जा सामान पैक कर ,जैसे सारी परमिशन इन्ही के जेब में रहती है । तो अहम सवाल है के क्या सच में ट्रक बस श्रमिक ट्रेन में बिना खाये पिए आने वाले यह लोग टवीटर पर होते हैं ? क्या वह माइग्रेंट लेबर जो इसलिए भाग रहे हों के घर में खाने को नहीं बचा वह टवीटर पर होता है ।
भैये आप का फिर अण्णा बनने वाला है और केजरीवाल कटने वाला है ।
-लेखक Shadan Ahmad के निजी विचार, कोबरापोस्ट पर आधारित