दिल्ली दंगे में RSS के 16 कार्यकर्ता हत्या और दंगे के आरोप में गिरफ्तार

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फोटो सोर्स द क्विंट
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दिल्ली दंगे में RSS के 16 कार्यकर्ता  हत्या और दंगे के आरोप में गिरफ्तार
नई दिल्ली: इस साल की शुरुआत और फरवरी में हुए दिल्ली दंगो से जुड़ा एक सनसनीखेज खुलासा सामने आया है। न्यूज वेबसाइट द क्विंट की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में हुए दंगो में 16 आरएसएस के कार्यकर्ता,पदाधिकारियों को दंगा,हत्या और लूटपाट के मामले में या तो गिरफ्तार किया गया है या आरोपित है।




इन सभी का दिल्ली पुलिस द्वारा दायर चार्जशीट में नाम है वहीं रिपोर्ट्स के मुताबिक इन पर शाहिल परवेज नामक युवक के पिता कि हत्या करने का भी आरोप है।
वहीं शाहिल परेवज ने 19 मार्च को शिकायत दर्ज करवाते समय अपनी जान को खतरा बताया था और साथ ही सुरक्षा की भी मांग की। आरोपी के परिजनों और पीड़ित के वकील ने द क्विंट से पुष्टि की इन सभी को 9 अप्रैल को हत्या (धारा 302), दंगा (धारा 147), घातक हथियार (धारा 148) से लैस दंगा, गैरकानूनी विधानसभा का हिस्सा (धारा 149) और आपराधिक साजिश (धारा 120 बी) के तहत गिरफ्तार किया गया था। मामले में आरोप पत्र भी दायर किया गया है।




क्विंट ने पुष्टि की है कि ये सोलह आरोपी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस), पोस्ट-होल्डर्स (पदाधिकारी) के सक्रिय सदस्य थे, या स्थानीय शाखा का दौरा कर चुके थे। वहीं इस मामले में आरएसएस के पदाधिकारियों ने अपने आप को बेकसूर बताते हुए दावा किया कि संघ से जुड़े होने की वजह से निशाना बनाया जा रहा है।
19 मार्च को दर्ज शिकायत में, जो प्राप्ति के भजनपुरा पुलिस स्टेशन की मोहर लगाता है, शहिल परवेज ने उत्तर पूर्वी दिल्ली में 24 और 25 फरवरी को अपने इलाके में दो दिन की हिंसा का विस्तार किया है। उनका कहना है कि हिंसा 24 फरवरी को दोपहर 12:00 बजे के आसपास शुरू हुई जब इलाके के लोग ‘मुल्ले, का ** मुर्दाबाद, कपिल मिश्रा ज़िंदाबाद’, ‘देश के गद्दारों को गोली मारो सालो को’ जैसे नारे लगाने लगे।




यह सब सुनकर परवेज ने गली के बाहर देखा तो कुछ आरोपियों को लाठियों, बंदूकों, लोहे की छड़ों, तलवारों और पेट्रोल बमों से लैस देखा। साहिल परवेज ने बताया कि: देर रात तक ये लोग लगातार मुसलमानों के घरों पर पेट्रोल बम, पत्थर और गोलियों से हमला कर रहे थे। वे पूरी रात हमें गालियां भी देते रहे। जो लोग उनके साथ तर्क करने और क्षेत्र में शांति लाने की कोशिश कर रहे थे, ये लोग उन पर भी हमला भी कर रहे थे।
साहिल ने अपने सामने पिता की हत्या देखी
उस शाम के बारे में लिखते हुए जहां उनके पिता को गोली लगी थी, साहिल कहते हैं शाम को लगभग 7:00 बजे (अगले दिन 25 फरवरी को) जब मैं और मेरे पिता नमाज़ अदा करने गए थे तो बाहर सड़क पर सुशील, जयवीर, देवेश मिश्रा (गली 8) और नरेश त्यागी हाथ में तलवार, बंदूक और लाठी लेकर खड़े थे। जब उन्होंने मेरे पिता को देखा, तो सुशील ने हमारी ओर गोलियां चलाईं। मेरे पिता जमीन पर गिर गए और मैं अपनी जान बचाने के लिए भागा।




साहिल का दावा है कि दूर से उसने देखा कि देवेश और जयवीर उसके पिता के करीब आए, उन्हे लात मारी और उनकी जेब से चीजें निकाल लीं। ‘वे चिल्लाते रहे कि आज वे हमें जिंदा नहीं रहने देंगे।




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