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राजगृह का हमला यह देश की धरोहर देश की संपत्ति पर हमला है..!
राजगृह हमला : डाॅ. बाबासाहब आंबेडकर और भारत के बुद्धिस्ट लोगों के प्रति असंवेदनशील है सरकार ,..!
“डाॅ. बाबासाहब आंबेडकर पुरी दुनिया में एकमात्र अकेले इनसान थे, जिन्होंने किताबों के लिए घर बनाया था । अक्सर लोग खुद्द के लिए, खुद्द के परिवार के लिए घर + बंगला बनाते है, लेकिन डाॅ. बाबासाहब आंबेडकर ने अपने किताबों के लिए घर बनाया, और उसे नाम दिया, राजगृह..!
राजगृह यह हमारे महापुरूषोंकी विरासत है, इस धरोहर को बचाने, संरक्षण करने की जिम्मेदारी सरकार की होती है, किंतु यह सरकार डाॅ. बाबासाहब आंबेडकर और भारत के तमाम बुद्धिस्ट लोगों के प्रति असंवेदनशील है, यह बात अब सिद्ध हो चुकी है ।
७ / ७ / २०२० को कुछ लोगोंने राजगृह पर हमला किया / बंगले की तोड़फोड़ करके काफी बडा नुकसान किया । नालंदा विश्वविद्यालय को जलाना / बौद्ध विहारों को मंदिर में तबदील करना / चक्रवर्ती सम्राट अशोक द्वारा निर्मित ८४,००० बौद्ध स्तूपों का ब्राह्मणीकरन करना, उसे नष्ट करना / मूर्तियों को नष्ट करना , भोन स्तूप / साकेत में मिले बौद्ध अवशेषों को नष्ट करना, ऐसे काम उन्हीं लोगों का होता है, जो लोग बुद्धा के प्रति नफरत करते है ।
राजगृह पर जिन लोगों ने हमला किया है ? उनको तुरंत Arrest होना चाहिए, और इस हमले के पीछे किसका हाथ / Mind है ? उन्हे भी ढूंढ निकालना चाहिए, ऐसी बात बहुजन क्रांति मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक वामन मेश्राम ने कही है । डाॅ. बाबासाहब आंबेडकर के इस library (राजगृह) पर हुये हमले की , इस द्वेषपूर्ण घटना की हम कड़ी निंदा करते है, तथा बामसेफ (आॅफशुट विंग) की तरफ से हम जाहिर धिक्कार तथा निषेध व्यक्त करते है”.