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गोड़िया मठ आश्रम में बच्चों के साथ बलात्कार, भक्ति भूषण गोविंद महाराज गिरफ्तार
हमें वापस आश्रम मत भेजना, यह कहकर बच्चे बिलख पड़े। उन्होंने बताया कि महाराज जब पीटता है तो उन्हें मां की याद आती थी। वह अपने घर बात करने के लिए कहते तो उनकी और अधिक पिटाई की जाती। भूखा रखा जाता था। उनके शरीर पर पड़े चोटों के निशान बता रहे थे कि किस तरह से उनके साथ मठ में अमानवीय बर्ताव किया जा रहा था।
मुजफ्फरनगर में दो दिन पहले चाइल्ड लाइन के नंबर पर शुकतीर्थ के गौड़ीय मठ में बच्चों के साथ अमानवीय बर्ताव किए जाने की शिकायत की गई थी। इसके बाद पुलिस और चाइल्ड केयर की टीम ने गौड़ीय मठ में रेस्क्यू किया। मुक्त कराए गए नौ बच्चों की उम्र दस से 15 साल के बीच है, जबकि एक 18 साल का युवक है।
गोड़ीया मठ के महंत भक्ति भूषण गोविंद महाराज का साधु से शैतान बनने का मामला सामने आया है. एक शख्स की शिकायत पर बुधवार को चाइल्ड हेल्थ लाइन की टीम ने मठ पर छापेमारी की थी, जिसमें टीम ने मठ से 8 बच्चों को बंधन मुक्त कराया था. पूछताछ में बच्चों ने आश्रम संचालक भक्ति भूषण गोविंद पर उनसे पढ़ाई के बदले चिनाई का काम करने और पशुओं का चारा जंगल से मंगवाने के साथ-साथ कुकर्म का भी सनसनीखेज आरोप लगाया था.
वहीं, मेडिकल रिपोर्ट में 4 मासूम बच्चों के साथ यौन शोषण की पुष्टि हुई है. बच्चों के बयान और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर भोपा पुलिस ने इस मामले में चाईल्ड हेल्प लाइन की सदस्य राखी देवी की तरफ से मुकदमा दर्ज कर आरोपी बाबा भक्ति भूषण गोविन्द आश्रम संचालक और उसके एक चेले को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया है.
गोड़िया मठ आश्रम में रहकर पढ़ाई करने वाले सभी पीड़ित 10 बच्चे नॉर्थ ईस्ट राज्यों के मिजोरम और त्रिपुरा के निवासी बताए जा रहे हैं, वहीं गुरुवार को चाइल्ड हेल्प लाइन ने बच्चों को सीडब्ल्यूसी के समक्ष पेश किया गया था, जहां बच्चों ने आश्रम के महंत पर यौन शोषण और उत्पीड़न करने की बात करते हुए अपने बयान दर्ज कराए थे. इस पूरे मामले पर पुलिस ने तत्काल आश्रम के संचालक बाबा भक्ति भूषण गोविन्द और उसके चेले के खिलाफ मुकदमा दर्ज उन्हें गिरफ्तार कर लिया था.
पुलिस ने इस पूरे मामले पर बच्चों के बयान और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर भोपा थाने में राखी देवी चाइल्ड लाइन की सदस्य की तहरीर पर आश्रम के महंत भक्ति भूषण कुलीन महाराज और एक अन्य के खिलाफ धारा 323, 377, 504 और बाल संरक्षण अधिनियम की धारा 5F और धारा 6 के तहत मुकदमा दर्ज कर मामले में कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी. आश्रम में जांच के लिए फॉरेंसिक टीम भी पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी है.
जिला बाल संरक्षण अधिकारी नीना त्यागी, परामर्शदाता बिलकिश जहां और समाजशास्त्री पूजा ने बृहस्पतिवार को जब बच्चों से बात की तो वो रो पड़े। बच्चों ने रोते हुए बताया कि आश्रम में उन्हें पढ़ाने के लिए कोई नहीं आता। जब वे पढ़ाने की बात करते हैं तो पीटा जाता है। बच्चों ने रोते हुए यह भी कहा कि अब वे आश्रम में नहीं जाना चाहते। हमें हमारे घर भिजवा दो। इस दौरान बच्चों की आपबीती सुनकर अधिकारी भी हैरान रह गए.