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अपाहिज केजरीवाल को मिला सुपरपॉवर, तिहाडी पत्रकारिता ने टहराया मुल्लो को जिम्मेदार
SD24 News Network
नई दिल्ली : मेरे हाथ में दिल्ली पुलिस नहीं मैं अपाहिज हूँ – केजरीवाल
मीडिया हर नकामी का रुख़ मुसलमानों की तरफ मोड़ देने पर आमादा है। देश में लाखों मज़दूरों की भीड़ झुंड के झुंड हर शहर की ओर फ़ैलती जा रही है। इन लाखो लोगो से ना तो किसी को कोरोना फैलेगा और ना ही मीडिया इसके लिए किसी सरकार को जिम्मेदार ठहराएगी लेकिन निज़ामुद्दीन के एक धार्मिक स्थल में फंसे 200 लोग अब देश के लिए खतरा है देश में सारी परेशानियों की जड़ अब यही लोग है।
हर मुद्दे पर अपने आप को बेबस बताने वाले बार बार पुलिस मेरे हाथ में नहीं कहकर खुदको अपाहिज, असहाय बताने वाले केजरीवाल के अंदर भी अब सुपरपॉवर आ गई है पुलिस को FIR लिखने का आदेश भी दे दिया है जो की उनके अंडर में है भी नही। लॉक डाऊन के ऐलान के बाद निज़ामुद्दीन मरकज़ ने जब प्रशासन को इत्तेला किया और वहां फंसे लोगों को निकालने के लिए मदद मांगी। तब केजरीवाल कहां थे? जब हर धार्मिक स्थलों से लोगो को निकाल कर ले जाया गया तो मरकज़ में फंसे लोगो को निकालने का इंतेज़ाम क्यो नही किया गया?
जब मुंहनोचवा का अफवाह उड़ा तो गांव-गांव, शहर-शहर मुस्लिमों पर इसका आरोप लगाया गया। कई मुस्लिमों के घरों पर हमले भी हो गए। जब पानी में ज़हर फैलने की अफवाह उड़ाई गई तो उसके लिए इस्लामिक देशों को जिम्मेदार ठहराया गया। बालकटवा और चोटीकटवा की अफवाह भी मुसलमानों के मत्थे मढ़ा गया। ऐसे कई अफवाहें हैं यूपी-बिहार-बंगाल-असम के गांवों में उड़ाई जाती हैं, तो इसका टारगेट मुस्लिम ही होता है। क्योंकि मुसलमान बहुत आसान चारा है।
दुनिया में कोरोना वायरस को लेकर चीन पर इल्जाम लग रहे हैं। लेकिन भारत में अलगै किस्म की बकवास चल रही है। यहां कोरोना के लिए मुसलमानों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। 2000 के नोट में जीपीएस चिप ढूंढ़ने वाले तिहाड़ी पत्रकार इस मिशन में लगे हैं। भारत में जब पहला केस आया तो वह किसी मुस्लिम देश से नहीं आया था। कोरोना के हर चरण के साथ यहां विलेन बदलते गए। पहले चरण में लंदन-अमेरिका-इटली से आने वाले लोग कोरोना को लेकर आए। कनिका कपूर जैसे लोग इशके विलेन बने। दूसरे चरण में मिडल ईस्ट के लोग जब आए तब इस वायरस के केंद्र में मुसलमान आ गए। सबसे पहले अफवाह बिहार से उड़ी।
लेकिन तीसरे चरण के कम्यूनिटी ट्रांसमिशन में जब कोरोना की एंट्री हो रही है तब आम मुसलमानों को इसका जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। अभी देखिए गांवों में क्या खेल होगा। तैयार रहिए अफवाहों के लिए। मैं बिल्कुल दावे के साथ कह रहा हूं कि गांव-गांव अफवाह उड़ेगी की फलाना मस्जिद में 10 लोग इकट्ठा हैं और वह कोरोना फैलाने की फिराक में हैं। जैसे ही ये अफवाहें उड़ेंगी हर जगह सांप्रदायिक तनाव फैल जाएगा।
आप कोरोना पर हिन्दू मुसलमान करते रहिए। सरकार अपनी जिम्मेदारी और जवाबदेही से मुक्त हो गई। क्योंकि अब कोई सरकार ने ये सवाल नहीं करेगा कि क्यों नहीं सही वक्त पर सही फैसले लिए गए? क्यों नहीं कोरोना के लिए चिकित्सा सुविधाओं की तैयारी की गई?
अपनी नाकामियों को इल्ज़ाम न देगा कोई
लोग थक-हार के मुजरिम हमें ठहराएँगे
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