Australia में इस्तस्क नमाज : आग से राहत वहीं दुनियाभर के इस्लामोफोबिक तबके में भीषण आग लग चुकी है
January 7, 2020 | by sd24news
SD24 News Network
क्या अत्याधुनिक जीवन शैली में चमत्कारों के लिए कोई जगह है …. मिरेकल शब्द अगर वेस्टर्न कंट्रीज़ इस वक़्त चर्चा का विषय तो उसकी वजह भीषण आग से झुलस रहे ऑस्ट्रेलिया (Australia’s deadly fires) में आसमानी #बारिश के लिए पढ़ी गयी “सलात-उल-इस्तस्कः”
बारिश के लिए पढ़ी गयी इस खास नमाज़ को न सिर्फ मुसलमानों बल्कि क्रिश्चियन्स ब्रश फायर विक्टिमस (Christian Brush Fire Victims) और किसानों ने पूरे बिस्वास के साथ परफॉर्म किया ।
प्राइस्ट पैट्रिक मैक्नेरी (Christ Patrick Macquarie) कहते हैं मैं बहुत हताश था , मनोदशा यह थी कि मुझे ऐसा लग रहा था अब कुछ नहीं बचेगा , मैं इन मासूम जानवरों (Innocent animals) को दम तोड़ते और पर्यावरण को राख में तब्दील होते करीब से देख रहा था , यह भयानक और निराशाजनक था , सरकार के सैंकड़ों होलिकॉप्टर पानी फेंक रहे थे , पूरे मुल्क के स्वम् सेवी और फायर बिर्गेड जी जान से जुटे थे और लम्बे स्ट्रगल के बाद भी हम तस्वीर को नहीं बदल सकने की अपनी क्षमता को देखकर मायूस थे , हमें आसमानी बारिश की ज़रूरत थी जो कि इस सीजन में बहुत कम चांस थे ,
किसी ने बताया कुछ मुस्लिम कम्युनिटी के लोग Bonython park में गॉड से बारिश के लिए प्रेयर कर रहे हैं , इतना सुनते ही मैं पार्क के लिए दौड़ा और मेरे साथ मेरे साथी और कुछ किसान भी जो यह समझ चुके थे कि (The last option is rain) आखरी विकल्प बारिश है ।
इन हताशा के पलों में अल्लाह ही अंतिम विकल्प और अंतिम सत्य लगता है ,
(In these moments of desperation, Allah is the last option and the final truth)
हम में से शायद ही किसी ने उस वक़्त यह सोचा हो कि हम ईसाई हैं और उस कम्युनिटी के साथ इबादत करने जा रहे हैं जो कि बचपन की तरह हमें शिद्दत पसन्द मॉन्स्टर और मुल्क पर बोझ की तरह दर्शाए गए ….. ऑस्ट्रेलिया में इस्लामोफोबिक (Islamophobic in Australia) होना कोई बुरी बात नहीं है , मुसलमानों के खिलाफ हेट क्राइम की वारदातें अक्सर होती हैं ।
हम उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर वही प्रेक्टिस करते गए जो वह कर रहे थे ,, अरबिक लाइंस समझ मे न आने के बावजूद आमिन आमिन मन ही मन दोहरा रहा था और ईश्वर के लिए मेरे आंखों से आंसू बह रहे थे लगभग प्रेयर खत्म होते होते बारिश शुरू हो चुकी थी । यह बड़ा सुखद पल और यह बड़ा मिरेकल मैंने खुद जिया है (I live big miracle myself) ,
मुझे बताया गया कि यह मिरेकल नहीं है , पूरे इखलास के साथ इस्तस्कः नमाज़ को परफॉर्म करने से बारिश हो जाती है …. … उनका अल्लाह पर बिस्वास दंग करने वाला है ,
इस बारिश से ऑस्ट्रेलियाई क्रिश्चियन्स को आग से राहत मिली वहीं दुनियाभर के बड़े इस्लामोफोबिक तबके में उससे भीषण आग लग चुकी है ।
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