अगर CAB पास हुआ तो मुस्लिम संगठन और नेता होंगे जिम्मेदार -महिरा खान
December 10, 2019 | by sd24news
CAB क्या है यह कितना खतरनाक है और हम क्या करें ?
CAB(Citizenship Amendment Bill)
SD24 News Network
अगर CAB पास हुआ तो मुस्लिम संगठन और नेता होंगे जिम्मेदार
नागरिकता संशोधन बिल अभी हमारे संसद में पेश किया गया है. इस बिल के अनुसार पाकिस्तान बांग्लादेश और अफ़गानिस्तान से आने वाले सभी गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता मिलेगी. जबकि मुस्लिमों को भारतीय नागरिकता नहीं. मिलेगी इसकी ख़तरनाकी का असल पहलू यह है, कि असम में NRC में विदेशी घोषित किए गए 19 लाख से अधिक लोगों में से लगभग 14 लाख हिंदू ऐसे हैं, जिन्हें इस बिल के पास होने के बाद देश की नागरिकता मिल जाएगी. जबकि मुसलमान जो 5 लाख के करीब हैं उन्हें नागरिकता नहीं मिलेगी. वे इस देश में विदेशी होंगे जिसका अर्थ है कि उन्हें उनकी भूमि संपत्तियों और घरों से ज़बरदस्ती निकाल दिया जाएगा. और उन्हें डिटेंशन सेंटरों में रखा जाएगा जहां वह और उनकी आने वाली पीढ़ी न जाने कब तक जेल से भी बदतर हालत में रहने के लिए मजबूर होंगे, यह तो असम की पृष्ठभूमि में इसकी खतरनाकी है यदि सरकार की नीति के अनुसार पूरे देश में एनआरसी लागू हुआ तो लाखों नहीं करोड़ों भारतीय मुस्लिम इस आफ़त का सामना कर सकते हैं जिसमें हम और आप भी हो सकते हैं. यानी इस बिल का मक़सद यह है कि केवल मुसलमान ही इस क्रूर #NRC में फंसे हिंदुओं को साफ़ बचा लिया जाए.
अगर यह बिल पास न हो सका तो चूंकि एनआरसी में मुसलमानों की तुलना में अधिक हिंदू आ जाएंगे जैसा कि असम में हुआ तो निश्चित रूप से एनआरसी टल जाएगा एनआरसी का पूरा तूफ़ान केवल मुस्लिम दुश्मनी के कारण ही उठाया गया है. CAB(Citizenship Amendment Bill) इसी का रास्ता साफ़ करने का एक प्रयास है जिसे हर हाल में नाकाम बनाना बहुत महत्वपूर्ण है.
एक सवाल यह है कि क्या CAB(Citizenship Amendment Bill) को पास होने से रोका जा सकता है इस सवाल का जवाब है हां…! इसे रोका जा सकता है इसका सरल और स्वाभाविक तरीका यह है, कि बिल के खिलाफ ऐसी लाबिंग की जाए ताकि राज्यसभा में इसे पास न किया जा सके, यह कोई मुश्किल काम नहीं है. अतीत में हमने देखा है कि जब तलाक़ बिल पहली बार सामने आया था तो पर्सनल लॉ बोर्ड के कुछ सदस्यों ने इसके ख़िलाफ़ लाबीइंग की थी तो बिल पास नहीं हुआ था. लेकिन जब दूसरी बार लाबीइंग नहीं की तो बिल पास हो गया. लेकिन चूंकि यह लॉबीइंग का कार्य मुस्लिम संगठनों द्वारा किया जाना था पर अफ़सोस है कि वे सब चुप हैं.
इन संगठनों में से एक अधिकारी ने एनआरसी का खुले तौर पर समर्थन किया है इसलिए अब राज्यसभा में विपक्ष के सदस्यों को यह महसूस कराना बहुत ज़रूरी है. कि सभी मुसलमानों की नज़र आप पर है, अगर आप इस बिल का समर्थन करते हैं या अनुपस्थित अथवा वाकआउट हो कर इस बिल का समर्थन करते हैं. तो आप समझ लें कि आपकी पार्टी को हमारा वोट कभी नहीं मिलेगा.
हम आपको हमारे सबसे बुरे दुश्मनों में से एक के रूप में गिनेंगे यकीन जानें यदि मुसलमान उन पार्टियों को यह अहसास दिलाने और उन पर दबाव बनाने में सफल हो जाते हैं. तो यह बिल पास नहीं हो सकेगा. जैसे तलाक़ बिल पहली बार विफल हो गया लेकिन अगर मुसलमानों ने आवाज न उठाई और शोर नहीं किया तो यकीन जानिए फिर लाखों करोड़ों मुसलमानों की ज़मीनें और घरों को जब्त कर लिया जाएगा. और वे डिटेंशन सेन्टर नामी भयावह जेल में होंगे.
सोशल मीडिया के इस युग में संगठनों की चुप्पी के बावजूद हमारा शोर मचाना और अपना प्रतिरोध व्यक्त करना गुस्से का एहसास दिलाना मुश्किल नहीं है. सोशल मीडिया से ही शोर मचा लीजिए हंगामा कर लिजिए अपना प्रतिरोध व्यक्त कर लीजिए कुछ विपक्षी दल सक्रिय हैं. आपकी आवाज उन्हें और भी अधिक प्रेरित करेगी यह इस समय की सबसे बड़ी चुनौती है. कम से कम आप इस बिल के ख़िलाफ़ एक लेख या कुछ शब्द ही लिख दें और फेसबुक या ट्विटर पर पोस्ट करें. या फिर लिखकर या विडियो रिकॉर्ड कर हमें भेजिए हम उसको लाखो लोगों तक पहुंचाएंगे.
इस बिल की ख़तरनाकी से अपने परिजनों और परिचितों को अवगत कराएं और उनसे भी कुछ कहने लिखने और बोलने का अनुरोध करें…
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