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एक और आश्रम में बच्चियों के साथ बलात्कार,44 में से 24 ही बरामद,रोज गाड़ियों में भरकर…

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SD24 News Network Network : Box of Knowledge

देवरिया के मां विंध्यवासिनी संरक्षण गृह में चल रहे देह व्यापार का खुलासा करने वाली 10 साल की मासूम ने जो कुछ भी पुलिस को बताया वह होश फाख्ता करने वाला था. रविवार शाम को मासूम किसी तरह महिला थाने पहुंची और शेल्टर होम की करतूत का खुलासा किया. मासूम जन्म से ही शेल्टर होम में रह रही है.

उसने पुलिस को बताया कि रोज शाम चार बजे बड़ी-बड़ी गाड़ियों में लोग आते थे और 15 साल के ऊपर की लड़कियों को ले जाते थे. सुबह जब लड़कियां आती थीं तो वे कुछ नहीं बोलती थीं. बस वे रो रही होती थीं. इसके अलावा उन्हें दूसरे को घरों झाड़ू पोछा जैसे तमाम घरेलू कामों के लिए भी भेजा जाता था.
Police arrest a man & his wife, managers of a shelter home in Deoria after its license was revoked following an inspection by Central Bureau of Investigation (CBI). 24 minor girls rescued, search for other 15 underway. pic.twitter.com/7GO3dUUIxS

— ANI UP (@ANINewsUP) August 5, 2018

फिलहाल, पुलिस ने संचालिका गिरिजा त्रिपाठी और पति मोहन को गिरफ्तार कर लिया है. बेटी कंचन लता त्रिपाठी की तलाश की जा रही है. मामले में पुलिस लड़कियों के बयान के आधार पर मानव तस्करी, देह व्यापर जैसी धाराओं में मुकदमा दर्ज कर रही है. मौके पर डीएम और अन्य अधिकारी भी मौजूद हैं. संरक्षण गृह के हर कमरे की तलाशी ली जा रही है.
एसपी रोहन पी कनय ने बताया कि बिहार के बेतिया जिले की रहने वाली 10 साल की मासूम जन्म से ही शेल्टर होम में रह रही थी. उसके जन्म के साथ ही मां की मौत हो गई थी.
इसके बाद पिता ने उसे ननिहाल छोड़ दिया. लेकिन ननिहाल वालों ने भी उसे अपने बेटी की मौत का जिम्मेदार मानते हुए शेल्टर होम के सुपुर्द कर दिया.
तब से वह यहीं रह रही थी. उसके पिता ने दूसरी शादी कर ली और वह कभी-कभी उससे मिलने आता था. वह शेल्टर होम को पैसे भी देता था.
संचालिका का आरोप-पुलिस जो चाहे उससे कहलवा ले
संरक्षण गृह की संचालिका गिरिजा त्रिपाठी ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि कोई भी अनैतिक काम नहीं हो रहा था. लड़की पुलिस के कब्जे में है,
वह जो चाहे उससे कहलवा ले. रजिस्टर में जितनी लड़कियां दर्ज हैं, मौके पर पुलिस को उतनी ही मिली. जहां तक संस्था की मान्यता की बात है तो वह ख़त्म नहीं की गई है. मान्यता स्थगित है और मामला कोर्ट में विचाराधीन हैं.
मौके से 42 में से 24 लड़कियां ही मिलीं
पुलिस का कहना है कि संरक्षण गृह से 24 लड़कियों को मुक्त कराया गया है. जबकि रजिस्टर में 42 लड़कियों के नाम दर्ज हैं. 18 लड़कियों का पता लगाया जा रहा है
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