SD24 News Network
सीमा विवाद बहुत बड़ा सडयंत्र है।
सीमा विवाद चुनावी मामले के साथ-साथ फर्जी देश भक्त तैयार करने और फर्जी देशभक्ति के नाम पर लोगों को असली मुद्दों से भटकाने का मामला भी है।
क्या आप जानते हैं चाइना बॉर्डर पर हमारे मारे गए जवान ज्यादातर बिहार रेजीमेंट से हैं । चीन के साथ लद्दाख सीमा पर भारतीय फौज की 16 बिहार रेजिमेंट के साथ यह झड़प हुई है। 16 बिहार रेजिमेंट के ही 1 कर्नल सहित 20 जवान शहीद हुए हैं और 17 घायल हैं।
अब उन शहीदों के शवों को बिहार के गांवों में भेज कर अन्धराष्ट्रवादी माहौल खड़ा किया जाएगा। उसी के जरिये कोरोना, प्रवासी मजदूरों के सवाल सबको पीछे कर चुनावी फसल काटी जाएगी।
हमें यह जान लेना चाहिए कि लद्दाख बॉर्डर जैसी भौगोलिक स्थिति में है। उसमें लड़ाई की स्थिति में कुमाऊँ रेजिमेंट, गढ़वाल रेजिमेंट, डोगरा रेजिमेंट और गोरखा रेजिमेंट ज्यादा कारगर होती है। क्योंकि ये जवान ऐसी भौगोलिक स्थितियों में ही पले बढ़े और ट्रेनिंग पाए होते हैं।
उन भौगोलिक स्थितियों से अपरिचित 16 बिहार रेजिमेंट को वहां लगाना विशुद्ध रूप से बिहार बंगाल विधानसभा चुनाव का एजेंडा है। क्या यह इत्तेफाक है कि बिहार रेजीमेंट वहां लगाई गई । जैसे इत्तेफाक से एक कार विस्फोटक लेकर फौज के काफिले में घुस जाती हैं। आखिर सियासी जीत की तारीख़ कब तक हमारे जवानों के खून से लिखी जाती रहेगी ।
-लेखक जितेंद्र पथरौल, एक सामाजिक कार्यकर्ता और राजनैतिक विश्लेषक है ।