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शरजील इमाम मामला : कुछ विधिक सवाल : 4 FIR
1. केस क्राइम नंबर 55 सन 2020 थाना सिविल लाईन अलीगढ़ , दिनांक 25.1.2020 अन्तर्गत धारा 124A, 153A, 153B, 505(2) आईपीसी
2. केस क्राइम नंबर 20 सन 2020 थाना क्राइम ब्रांच पुष्प विहार दिल्ली , दिनांक 25.1.2020 अन्तर्गत धारा 124A, 153A, 505 आईपीसी
(आरोप: 13 दिसंबर 2019 को शरजील ने एक सपीच जामिया में दी जिसकी अवधि 9 मिनट 26 सेकंड की है । इसके बाद 15,16,20 दिसंबर को अलग अलग जगह हिंसा हुई जिसके केस दर्ज हुए हैं ।
दूसरी स्पीच 8 मिनट 25 सेकंड की है )
3. केस क्राइम नंबर 1 सन 2020 थाना क्राइम ब्रांच गोहाटी असम दिनांक 25.1.2020 अन्तर्गत धारा 124A, 153A, 153B आईपीसी और सेक्शन 13(1),15 a, i i i /18 UAPA 1968.
4. केस क्राइम नंबर 2 सन 2020 थाना क्राइम ब्रांच इटा नगर , अरुणाचल प्रदेश दिनांक 26.1.2020 अन्तर्गत धारा 124A, 153A, 153B आईपीसी और सेक्शन 13(1),15 a, i i i /18 UAPA 1968.
अलीगढ़ और दिल्ली में जो उपरोक्त दो FIR दर्ज हुई है उनका सब्जेक्ट मैटर अलग अलग है ।लेकिन इटा नगर अरुणाचल प्रदेश और गोहाटी असम में दर्ज हुई दोनों एफ अाई आर का सब्जेक्ट मैटर समान है। अलीगढ़ और दिल्ली की अदालतें दोनो ही अपराध का संज्ञान ले सकेंगी ,इसकी कोई कानूनी बाध्यता नहीं है।
अगर सभी 4 दर्ज FIR का सब्जेक्ट मैटर एक ही होता तो स्थिति अलग होती।
इसलिए मेरा निजी मत है कि केवल अरुणाचल प्रदेश और आसाम में दर्ज हुई किसी भी एक एफ आई आर का ही संज्ञान विवेचना उपरांत अदालत ले सकती है। विवेचना जारी है और अदालत ने 12 फ़रवरी को शरजील को अपनी आवाज़ का नमूना देने का आदेश दिया है। चर्चा जारी रहेगी, नीचे पढ़ें FRI जो अलीगढ़ और दिल्ली में दर्ज हुई हैं
-असद हयात