लॉकडाउन के बीच भोजन न होने पर मां ने 5 बच्चों को नदी में फेंका. 5 की मौत

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5 बच्चों संग लगाई तालाब में छलांग, 3 लड़की और 2 लड़कों की मौत
लॉकडाउन के बाद भूख से मरने वाले और भूख से तड़पने वालों क संख्या कोरोना संक्रमितों से कई गुना ज्यादा दिखाई दे रह है । हर जगह से भूखे लोगों की खबरे आ रह है । बावजूद सके गोदी मीडिया इन सभी खबरों को छुपाने के लिए तबलीगी ज़मात का सहारा लये हुए है । लगातार तबलीग ज़मात और मुसलमानों के खिलाफ फर्जी ख़बरों के अम्बार लगे हुए है । भदोही जिले से एक और सनसनीखेज़ खबर सामने आई है ।

बहुत ही दुःखद भदोही जिले में गंगा घाट पर रविवार सुबह एक महिला ने परिवार समेत आत्महत्या की नीयत से पांच बच्चों को लेकर गंगा में छलांग लगा दी। महिला खुद तैरकर बाहर आ गई, लेकिन पांचों बच्चे डूब गए। इनमें तीन बच्चियां और दो बेटे हैं। ग्रामीणों के पूछने पर महिला ने कहा कि मैंने बच्चों को डुबो दिया।

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समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता एसके यादव इन्होमे जानकारी को साझा किया, इन्होने बताया की, गोपीगंज थानाक्षेत्र के जहांगीराबाद गांव निवासी मृदुल यादव उर्फ मुन्ना की पत्नी मंजू यादव(36) देर रात अपने पांच बच्चों शिव शंकर(6) केशव प्रसाद(3), आरती(11), सरस्वती(7) और मातेश्वरी(5) को लेकर जहांगीराबाद घाट पहुंची। उसने सभी बच्चों के साथ गंगा में छलांग लगा दी। आगे की जांच पुलिस कर रही है 

पुलिस ने किया खंडन : ”शनिवार की रात डेढ़-दो बजे के लगभग ये घटना हुई. रविवार सुबह 9 बजे हमें पता चला की मंजूदेवी ने अपने बच्चे को नदी में फेंक दिए. लेकिन ये भूख या लॉकडाउन के असर का मामला नहीं है. महिला का पति शराब पीता था और भी कई तरह के नशे करता था. जिससे दोनों में लड़ाई होती थी. महिला ने इस लड़ाई से तंग आ कर अपने बच्चों को नदी में फेंका और ख़ुद भी कूद गई. हालांकि उसे तैरना आता था तो वो बच गई.”
UP में एक दिहाड़ी मजदूर माँ ने अपने 5 बच्चों को नदी में फेंककर आत्महत्या की कोशिश की. लॉक डाउन की वज़ह से वह बच्चों को खाना खिलाने में अक्षम थी. @cpimlliberation के handle पर तस्वीरे और वीडियो देखे जहां आज गरीबों ने देश के गांव बस्तियों में भूख के खिलाफ थाली बजा कर आक्रोश जताया. pic.twitter.com/iJz1EsEZhT

— Kavita Krishnan (@kavita_krishnan) April 12, 2020

इस वक़्त महिला को पुलिस हिरासत में ले लिया गया है. साथ ही भदोई पुलिस ने एक रसोई की दो तस्वीरें शेयर करते हुए ये दावा भी किया है कि मंजू देवी के घर में खाने की कमी नहीं थी.
मंजू देवी ने अपने 05 बच्चों को भूखमरी के कारण गंगा नदी में डुबो देने की बात गलत है मंजू देवी के घर में पर्याप्त मात्रा में खाद्य सामग्री थी। @Uppolice @adgzonevaranasi @digmirzapur pic.twitter.com/ZFNutl7Qy7

— BHADOHI POLICE (@bhadohipolice) April 13, 2020

चूंकि महिला पुलिस हिरासत में थी इसलिए उससे बात करना हमारे लिए संभव नहीं था. ऐसे में हमने उसके परिवार वालों से संपर्क किया.
कविता कृष्णन ने पुलिस के ज़वाब पर उठाये सवाल
इस बेचारी को अरेस्ट किया न आपने? फिर पुलिस हिरासत में इस बयान को दिलवा रहे हो! पुलिस हिरासत या जेल के भय में दिया गया बयान, क्या मायने रखता है? लोग समझ सकते हैं सच क्या है. और भूख क्या है.

— Kavita Krishnan (@kavita_krishnan) April 13, 2020

महिला के देवर 28 साल के पुनीत यादव ने हमें बताया, ” घर में खाने-पीने की समस्या नहीं है. महिला का पति सोनार की दुकान पर काम करता है. बड़े भाई सरकारी स्कूल में पढ़ाते हैं. हमारे घर खाना न मिलने से कोई मर जाए , नहीं हो सकता. पता नहीं आधी रात को क्या हुआ. चार बच्चों के शव मिल गए हैं और एक शव की तलाश अब तक जारी है.”



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