लगातार 10 दिन से मुसलमानों के खिलाफ उगल रहा जहर, सुदर्शन न्यूज़ पर कार्यवाही हो……

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हरियाणा की राजनीति, और गोदी मीडिया
लगातार 10 दिन से मुसलमानों के खिलाफ उगल रहा जहर, सुदर्शन न्यूज़ पर कार्यवाही हो……
पिछले 4 जून से सुदर्शन न्यूज़ चैनल ने अपने एक टीवी शो में मेवात जिले में हिन्दुओं के साथ मुसलमानों द्वारा कथित धार्मिक भेदभाव और कथित अत्याचार को लेकर  लगातार 10 दिनों तक कु प्रचार अभियान चलाया गया। अनेक नफरत भरे, भड़काऊ , सांप्रदायिक व जाति सूचक शब्द प्रयोग किए गए। इस से साफ पता चलता है कि ये सब देश के नागरिकों को मुस्लिम समुदाय के लोगों के विरूद्ध जनमानस तैयार करने के मकसद से किया गया। बीजेपी और उसके समर्थित दल इसी ज़हरीली मानसिकता से तैयार हुए अपने वोट बैंक के सहारे ही सत्ता में पहुंची है, इसलिए उस को परोसने वाली मीडिया के विरूद्ध कोई कानूनी कार्यवाही के खुद कोई आदेश सरकार देगी, इसकी उम्मीद कम ही थी, और  हुआ भी यही है। 




मुख्यमंत्री खट्टर जी ने कल मेवात के ज़िला मुख्यालय नूह  आकर कल जो कुछ प्रेस कांफ्रेंस में कहा उससे उनकी ये स्वीकारोक्ति है कि “छोटी छोटी घटनाएं  घटित ” होती रहती हैं मगर इस से भाई  चारा नहीं बिगाड़ना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी घटनाओं से  निबटने में प्रशासन  सक्षम है और वह अपना काम करता है।
हमारा भी यही कहना है कि सामाजिक जीवन में छोटी छोटी घटनाएं घटित होती हैं , ऐसी दशा में पीड़ित को पुलिस ,अदालत तक इंसाफ के लिए जाना होता है, लेकिन मीडिया उसको दूसरा ही सांप्रदायिक रंग दे दे , तो ऐसी मीडिया के विरूद्ध भी कार्यवाही होना चाहिए।




पहली बात तो ऐसी छोटी छोटी तथाकथित कहानियां और घटनाओं की जानकारी पुलिस को नहीं दी गई या दी गई तो कानून अपना काम कर रहा है, लेकिन जिस प्रकार की भाषा और जुमले मीडिया ने प्रयोग करते हुए टीवी शो किए हैं, वह किसी पीड़ित को इंसाफ दिलाने के मकसद से अधिक हैं और सांप्रदायिक विष वमन है जिसका मकसद सामाजिक सौहार्द बिगाड़ कर संप्रदाय विशेष के विरूद्ध जनमानस तैयार करना है ताकि राजनीतिक लाभ लिया जा सके।
इस टीवी चैनल ने उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला को भी विशेष रूप से घेरा और बुरा भला कहा। हरियाणा की राजनीति में बीजेपी और दुष्यंत चौटाला गठबंधन सरकार चला रहे हैं। श्री चौटाला वही किसान राजनीति  को आधार बनाकर वही राजनीतिक प्रयोग कर रहे हैं जो कभी यूपी में चौधरी चरणसिंह साहब ने किया था । चौधरी साहब ने कभी बीजेपी को अपने उपर हावी नहीं होने दिया और उसी किसान राजनीति के बल पर वे यूपी के मुख्यमंत्री और बाद में प्रधानमंत्री भी बने और शक्तिशाली इंदिरा गांधी को भी राजनीतिक भंवर में डाल दिया। उनके निधन के बाद , उनकी किसान राजनीति की बागडोर उनके पुत्र अजित सिंह साहब ने संभाली जो दिशा भटक गए और बीजेपी के चंगुल में फंस गए। किसान राजनीति में एक नया मोड़ चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत ने आकर दे दिया और किसान राजनीति और उसकी धुरी अब बीजेपी मुख्यालय से निर्देशित होने लगी। इसका प्रभाव ये हुआ कि किसान के लाभ के लिए शुरू की गई राजनीति अपना मकसद और धार को बैठी और बीजेपी उस वोट बैंक का  सांप्रदायिक आधार पर विभाजन करके सत्ता में  स्थापित हो गई। अजित सिंह का राजनीतिक भविष्य और टिकैत परिवार दोनों ही हाशिए पर आ गए।




उत्तर प्रदेश की राजनीति और 2014 से हरियाणा, राजस्थान की राजनीति इसकी गवाह हैं। दुष्यंत चौटाला के खिलाफ गोदी मीडिया का  अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करना और उनको किसी काम का न होना बताना और इस गोदी मीडिया के विरूद्ध कोई कानूनी कार्यवाही का न किया जाना, संकेत दे रहा है कि बीजेपी श्री चौटाला को भी उसी  हाशिए पर लाना  चाहती है ,  जैसा प्रयोग वह यूपी में कर चुकी है। 

इसलिए श्री चौटाला को संभल कर राजनीतिक निर्णय लेने होंगे।




टीवी चैनलों ने जिस तरह का सांप्रदायिक  दुष्प्रचार और विष वमन किया है तो उसके विरूद्ध मुस्लिम समुदाय के लोगों  व देश के प्रबुद्ध वर्ग को  एफआईआर दर्ज करानी चाहिए ।
सुप्रीम कोर्ट पहले ही तहसीन पूनावाला केस में गाइडलाइन जारी कर चुका है। उसपर अमल न करके , खट्टर सरकार  सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना कर रही है ।
.: A.      Preventive Measures
(i)     The State Governments shall designate, a senior police




officer, not below the rank of Superintendent of Police, as Nodal Officer in each district. Such Nodal Officer shall be assisted by one of the DSP rank officers in the district for taking measures to prevent incidents of mob violence and lynching. 
They shall constitute a special task force so as to procure intelligence reports about the people who are likely to commit such crimes or who are involved in spreading hate speeches, provocative statements and fake news.
अधीक्षक नूह की भी जिम्मेदारी नोडल अफसर होने के नाते उपरोक्त इस आदेश के तहत बनती है।  ये टीवी चैनल लगातार hate speeches, provocative statements और  fake news का प्रसारण कर रहे हैं। सरकारें और प्रशासन सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर अमल करने के लिए बाध्य है। ऐसे दुष्प्रचार को नजरंदाज करना गोदी मीडिया का तुष्टिकरण और सांप्रदायिक ताकतों की हौसला अफजाई करना ही कहा जाएगा 
-असद हयात


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