SD24 News Network
भारत में जब मुस्लिम शासन थी तो भारत सोने की चिड़िया थी और भारत में सुखी जिंदगी सम्पूर्ण जनता रहा करती थी भारत में उस समय पाठशाला हुआ करता था उच्चस्तरीय शिक्षा हुआ करता था देश विदेश से शिक्षा लेने आया करता था भारत के पास बडा बडा उद्योग हुआ करता था आधी विदेशी भारत के उपर निर्भर रहा करता था तम्मा स्टिल जैसे बड़े बडा उद्योग हुआ करता था स्टिल उद्योग मुस्लिम राजा की देन है यह आज की उद्योग नहीं 1300 साल पुरानी उद्योग जब अंगरेज़ ने भारत में 1600 ईस्वी में ईस्ट इंडिया कंपनी लेकर आई हिन्दू को मुस्लिम राजा के खिलाफ खड़ा कर दी 1773 ईस्वी में भारत को गुलाम बना लिया सब से पहले भारत के शिक्षा को खत्म करना चालू कर दी अंग्रेजो को भारत में चपरासी क्लर्क की जरूरत थी उसने पाठशाला के नाम बदल कर स्कूल रख दी स्कूल में चपरासी क्लर्क की पढाई चालू कर दी पूरा उच्च शिक्षा को खत्म कर दी उसके बाद भारत के जितने बडा़ उद्योग था उसे बन्द कर भारतीय से रोजगार शिक्षा छिन ली और भारत में गरीबी से लाचारी भुखमरी चालू हो गया और भारत को लूट कर विदेशों में भेज दी आज भी भारत में शिक्षा चपरासी क्लर्क की है इससे आगे की नहीं जिस तरह भारतवर्ष के नाम बदल कर भारत माता की ऱख दी हम सब भारतीय को बाटने के लिए उसी तरह पाठशाला के नाम बदल कर अंग्रेजो ने स्कूल रख दी
(किरण यादव इनकी फेसबुक वाल से साभार)