मुस्लिम इतिहास मिटाने की तरफ पहला कदम, तेलंगाना सरकार ने उस्मानिया यूनिवर्सिटी का लोगो बदला ।

मुस्लिम इतिहास मिटाने की तरफ पहला कदम,  तेलंगाना सरकार ने उस्मानिया यूनिवर्सिटी का अरबी लोगो बदला ।

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मुम्बई : हम आजतक सुनते और देखते आये है कि, तथाकथित हिंदुत्ववादी सरकारें किसी ना किसी बहाने से मुस्लिम इतिहास को खत्म कर रही है । जैसे बड़े शहरों के नाम बदलना, बड़े स्टेशनों, पुरातन प्रॉपर्टी, सड़कों के मुस्लिम नाम बदलना । हमने आजतक यही सुना था कि BJP सरकार ही मुसलमानों का इतिहास मिटाना चाहती है । लेकिन ऐसा नही है । तेलंगाना सरकार भी इन्ही के रास्ते चल पड़ी है ।

आपको बता दें कि, उस्मानिया विश्वविद्यालय हैदराबाद, तेलंगाना में स्थित एक सार्वजनिक राज्य विश्वविद्यालय है। इसकी स्थापना 1918 में हैदराबाद के निज़ाम, मीर उस्मान अली खान ने किया था। इसका मुख्य वास्तुकार नवाब सरवर जंग थे। यह भारत का सातवां सबसे पुराना विश्वविद्यालय है। यह पहला भारतीय विश्वविद्यालय था जिसमें शिक्षा के माध्यम के रूप में उर्दू थी- लेकिन अनिवार्य विषय के रूप में अंग्रेजी के साथ।

तेलंगाना राज्य सरकार ने उस्मानिया विश्वविद्यालय का लोगो बदल दिया है।  लोगो में मूल अरबी और अन्य पाठ हटा दिया गया है।  अरबी की जगह संस्कृत में वाक्यों को लिखा गया है।  मूल वाक्य में ज्ञान के प्रसार की भूमिका निर्धारित की गई थी।  सरकार ने यह फैसला इस विश्वविद्यालय की स्थापना में मुस्लिम समुदाय के योगदान की अनदेखी करते हुए लिया है.

१९१८ में बनाई गई उस्मानिया यूनिवर्सिटी के संस्थापक मीर उस्मान अली ख़ान थे, जिन्होंने भारत को आजादी दिलाने के लिए 500 किलो सोना दिया था । आज इस विश्वविद्यालय के कुलपति आंध्र प्रदेश के राज्यपाल, और उपकुलपति प्रा. सत्यनारायण है । उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद, आंध्र प्रदेश −५०० ००७ भारत, हैदराबाद, आंध्र प्रदेश, भारत 1600 एकर में फैली हुई है ।

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