देश की जेलों मे 2 तिहाई कैदी OBC, SC और ST हैं। 19% मुस्लिम हैं। इनमें से 66% कैदी अनपढ़ हैं या फिर 10वीं से कम पढ़े लिखे हैं। उन्हे अपने ऊपर लगी धाराओं, कानून या पुलिस के थोपे केसों की भी ठीक से समझ नही होती।
देश के कुल मुस्लिम कैदियों मे एक तिहाई 31.31% उत्तर प्रदेश में हैं। देश के SC कैदियों में सबसे अधिक 25.29% यानी 24,489 कैदी भी अकेले यूपी में ही हैं। यूपी में फेक एन्काउन्टर के लगभग सारे मामले ओबीसी-एससी या मुसलिमों के ही थे जिन पर सुप्रीम कोर्ट से लेकर आयोग ने भी नोटिस जारी किया था।
2017 में भाजपा सरकार बनने के बाद 20 हज़ार केस खत्म किये गये। लेकिन खत्म हुये अधिकतर केस OBC, SC, ST या मुसलिमों के नही थे। इस से SC, OBC, ST या मुस्लिम कैदियों की संख्या पर फर्क़ नहीं पड़ा। बल्कि 2018 में कैदियों की संख्या मे 117% दर से बदोत्तरी हुई है।
देश में कुल 4.66 लाख कैदियों मे 1.56 लाख कैदी OBC हैं, 96,420 दलित हैं और 53,916 ट्राईबल हैं। देश की जेलों में बन्द कई कैदियों की सजा कम्प्लीट हो चुकी है और कई का कोई रिकार्ड ही नहीं है। कई कैदियों के ऊपर नये मुकदमे जेल में रहते ही लाध दिए गये और अब उनके घर वालों ने भी आस छोड़ दी है।
महिलाओं की हालत तो इस से ज्यादा बदतर है। उनका तो शोषण भी होता है। जरा सोचिये इस बारे में।
#कालचक्र
Vikram Singh Chauhan