नई दिल्ली : पिछले 10 सालों से मुसलमानों के हर एक अमल पर आपत्तियां बढ़ चुकी है । तीन तलाक पर आपत्ति, बिना तलाक पत्नी को दर-दर की ठोकरे खाने को छोड़ना इसपर सब चिडिचुप । बुरखे पर आपत्ति, बेश्या व्यवसाय, सेक्स रैकेट, नंगेपन पर सब चिडिचुप । कुर्बानी पर आपत्ति, इंसानों की बली, जानवरों की बलि, महिलाओं का बलात्कार और हत्या पर सब चिडिचुप । 1500 जमातियों पर आपत्ति, लाखो मजदूर सड़कों पर सब चिडिचुप । अज़ान पर आपत्ति, डीजे, भोंगे पर सब चिडिचुप । ऐसी हज़ारों आपत्तियां है । अब एक और नई आपत्ति ने जन्म लिया है । अब जानवर हलाल करने पर आपत्ति जताई जा रही है ।
सुप्रीम कोर्ट ने जानवरों को हलाल मानते हुए वध करने पर प्रतिबंध लगाने की दिशा में मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने याचिका को खारिज करते हुए याचिकाकर्ता से कहा, आपकी याचिका शरारतपूर्ण नजर आती है।