ब्राम्हणवाद विरोधी पोस्ट बनी BAMCEF वरिष्ठ कार्यकर्ता की हत्या का कारण । मीडिया फैला रहा झूठ

ब्राम्हणवाद विरोधी पोस्ट बनी BAMCEF वरिष्ठ कार्यकर्ता की हत्या का कारण । मीडिया फैला रहा झूठ

SD24 News Network : ब्राम्हणवाद विरोधी पोस्ट बनी BAMCEF वरिष्ठ कार्यकर्ता की हत्या का कारण । मीडिया फैला रहा झूठ

मुंबई. फेसबुक पर कथित रूप से ब्राह्मण विरोधी पोस्ट डालने पर एक वकील की हत्या कर दी गई. इस घटना को मुंबई के मलाड वेस्ट में स्टेशनरी की दुकान पर काम करने वाले एक कर्मचारी ने अंजाम दिया. हालांकि पुलिस से बचने की उसकी चाल कामयाब नहीं हो सकी है और 24 घंटे के अंदर ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया. मृतक का नाम देवजी महेश्वरी है, जो अखिल भारतीय पिछड़ा और अल्पसंख्यक समुदाय कर्मचारी महासंघ (BAMCEF) और इंडियन लीगल प्रोफेशनल असोसिएशन के वरिष्ठ कार्यकर्ता थे.
महेश्वरी की हत्या से बहुजन लोगों में काफी गुस्सा देखा जा रहा है. यहां कच्छ जिले में भड़के लोगों ने अलग-अलग हाईवे पर धरना प्रदर्शन किया. इस मर्डर केस में अब तक कुल 6 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है. वहीं प्रदर्शनकारियों की मांग है कि बाकी 3 आरोपियों को भी जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए. इसे लेकर लोगों ने कई नेशनल हाईवे जाम कर दिया और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की.
पुलिस के मुताबिक महेश्वरी और रावल पिछले एक महीने में सोशल मीडिया पर कई बार भिड़ चुके थे. रावल ने महेश्वरी को कई बार कहा था कि वह इस तरह की पोस्ट सोशल मीडिया पर न डाला करें. इस पर महेश्वरी ने भी रावल को धमकी दी कि उसे जो करना है वह कर सकता है और वह इस तरह की पोस्ट आगे भी डालता रहेगा.
मुंबई पुलिस के मुताबिक रावल महेश्वरी की हत्या करने के इरादे से बुधवार को रपार से मलाड पहुंचा. रावल मलाड में ही एक दुकान पर काम किया करता था. सीसीटीवी फुटेज में दिखाई दे रहा है कि महेश्वर ने शुक्रवार शाम 6 बजे अपने ऑफिस की बिल्डिंग में प्रवेश किया. इस दौरान उसके पीछे एक लाल टीशर्ट पहले एक शख्स भी दाखिल हुआ. कुछ देर बाद ही महेश्वरी का शव बिल्डिंग में मिला. जांच में पता चला कि लाल टीशर्ट वाला शख्स कोई और नहीं रावल था. पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया है.
बामसेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वामन मेश्राम ने आरोप लगाया कि मीडिया झूठी खबरे फैलाकर लोगों में भ्रम निर्माण कर रही है । वामन मेश्राम लिखते है के, 27 सितम्बर 2020 को द इंडियन एक्सप्रेस और जनसत्ता के न्यूज पोर्टल पर क्रांतिकारी कार्यकर्ता एड. देवजीभाई महेश्वरी के हत्या के मुख्य आरोपी को पकड़े जाने की खबर छपी है. वह खबर गलत तरीके से लिखी गई है. इंडियन एक्सप्रेस और जनसत्ता लोगों को गलत जानकारी देकर देवजीभाई कि हत्या का समर्थन कर रहे है. खबर के टाईटल में लिखा है कि ‘ब्राम्हण विरोधी फेसबुक पोस्ट करने की वजह से दलित वकील कि हत्या’ और खबर के अंदर लिखा है कि ‘ब्राम्हणवाद के विरोधी फेसबुक पोस्ट.’
यहां वे गलत कैसे है, यह समझना जरुरी है. ‘दलित वकील कि हत्या’ यह लिखने के पीछे उनकी मानसिकता ये है कि अनु.जाति के लोगों के अलावा कोई दुसरे लोग उनके न्याय के लिए मैदान में न आये और ‘ब्राम्हण विरोधी पोस्ट’ से वे उस हत्या को सही ठहराना चाहते है कि वकील ने ब्राम्हण के विरोध में लिखा इसलिए ब्राम्हण ने वकील की हत्या कर दी. जब कि ब्राम्हणवादी विचारधारा का विरोध करने का अधिकार जनता को भारतीय संविधान ने ही दिया है. उसी के तहत हम इस विचारधारा का विरोध कर रहे है.
इसके अलावा, खबर के अंत में देवजीभाई कि आखरी फेसबुक पोस्ट का जिक्र किया है, जो कि मेरे एक भाषण का विडीयो है. उसमें मैने कहा है कि SC, ST, OBC हिंदु नहीं है, और मैने यह ब्राम्हणों को चुनौती देकर कहा है. आज तक किसी ब्राम्हण ने मेरी बात को झूठ साबित नहीं किया. द इंडियन एक्सप्रेस और जनसत्ता के लोग कह सकते है कि उन्होंने ये खबर पुलिस ने दी हुई जानकारी के आधार पर लिखी है, लेकीन क्या उन्होंने इस बात का वेरीफीकेशन किया? क्या खबर लिखने से पहले उन्होंने दुसरी तरफ की बात जानने कि कोशिष की? ऐसा न करके उन्होंने निष्पक्ष पत्रकारीता के सिद्धांतों का उल्लंघन किया है और साथ में ही प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के मार्गदर्शक तत्वों का भी उल्लंघन किया है. 
उन्होंने ही अपनी खबर में बामसेफ और इंडियन लीगल प्रोफेशनल असोसिएशन इन दो संगठन का नाम लिए है, इसलिए ऐसा नहीं कहा जा सकता कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि दुसरी तरफ की जानकारी कहां से और कैसे लेनी है. इसलिए हमारा ये मानना है कि द इंडियन एक्सप्रेस और जनसत्ता ने जानबूझकर लोगों को गलत जानकारी देने का काम किया है और देवजीभाई कि हत्या का समर्थन किया है. हम इन झूठी बातों का सोशल मीडिया के जरीये निषेध करते है और आप सभी से आवाहन करते है कि #Twitter के साथ #facebook पर #झूठा_है_जनसत्ता_IndianExpress इस हैशटैग के साथ लिखे.

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