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गुजरात मॉडल ही दिल्ली मॉडल ।। AAP ही BJP है ?
जय श्रीराम ही जय हनुमान !
अगर मैं कहूँ कि गुजरात मॉडल ही दिल्ली मॉडल है और बीजेपी ही AAP है तो एकदम अटपटा लगेगा मगर यही सच है।सियासत से लेकर कार्यशैली तक,फंडिंग से लेकर क्राउड मैनेजमेंट तक,प्रचार से लेकर मीडिया मैनेजमेंट तक एक ही स्वरूप नजर आता है।गुजरात मॉडल तो देश के सामने आ चुका है तो दिल्ली मॉडल का जिक्र कर लेते है।
केजरीवाल बिजली कंपनियों पर नकेल कसकर बिजली की रेट आधी करने के नारे के साथ सत्ता में आये मगर कंपनियों से एक भी पैसा बिजली सस्ती करवाने के बजाय महंगी बिजली पर बजट में सब्सिडी का प्रावधान करके बिजली कंपनियों की जेबें भरी। जिस चिकित्सा क्षेत्र का ढिंढोरा दुनियाभर में पीटा जा रहा है उसका सच यह है…..
-पहले से चल रहे पॉलीक्लीनिक का नाम बदलकर मोहल्ला क्लिनिक कर दिया गया
-एक भी अस्पताल बनाकर चालू नहीं किया
-एक भी डॉक्टर को नई नियुक्ति नहीं दी गई
– एक भी पैरामेडिकल स्टाफ को नियुक्ति नहीं दी गई
-चिकित्सा विभाग में लगे एक भी कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी को स्थायी नहीं किया गया
ज्ञात रहे दिल्ली सरकार के अस्पतालों में पहले से ही मुफ्त चिकित्सा व्यवस्था चल रही थी और पड़ौसी राज्यों के लोग यहां आकर मुफ्त में इलाज करवाते थे। जिस शिक्षा व्यवस्था को रोल मॉडल बताया जा रहा है उसकी हकीकत भी जान लीजिए!
-17हजार गेस्ट टीचर लगे हुए है जिनको स्थायी करने का वादा था मगर एक भी स्थायी नहीं किया गया.
-एक भी नये अध्यापक की 5सालों में भर्ती नहीं की गई
-20कॉलेज खोलने का वादा था मगर एक भी नहीं खोला गया
-एक भी नया स्कूल नहीं खोला गया
-20हजार नये क्लास रूम खोलने का वादा मगर 12हजार के करीब क्लास रूम बन रहे है. -एक क्लास रूम के लिए 4लाख रुपये सैंक्शन मगर खर्च 24लाख बताया गया. -259705 छात्रों ने 9वीं में 2015-16 में प्रवेश लिया 2018-19 में 44%छात्र 12 वीं में पहुंच पाएं! -एक भी नया स्कूल नहीं,एक नया कॉलेज नहीं,एक भी नया शिक्षक नहीं और शिक्षा में फतेह का दावा!
महिलाओं के लिए मुफ्त यात्राओं के गाजे-बाजे के साथ डीटीसी का सच…
-2015 में 46 बस डिपो थे जिसमें से 11 बंद कर दिए व अब 35 बचे है
-2015 से 2019 के बीच डीटीसी का घाटा तकरीबन 27000करोड़ रुपये रहा
-2015 में 5500डीटीसी बसें थी जो 2019 में घटकर 3800रह गई
-2015 में डीटीसी बसें रोज 9.68लाख किमी सफर तय करती थी जो 2019 में घटकर 6.32 लाख किमी रोजाना रह गया
-क्लस्टर बसें भी मात्र 100 डिपो तक आ पाई है मतलब कुल संख्या अब 1500 हुई है -ठेके पर लगे डीटीसी कर्मचारियों को स्थायी करने का वादा था मगर एक को भी स्थायी नहीं किया गया. -एक भी डीटीसी बस नहीं खरीदी,एक भी स्थायी कर्मचारी की नियुक्ति नहीं और हो गई परिवहन व्यवस्था लंदन की तरह! युवाओं के आइकॉन व काम करने वाले के रूप में प्रसिद्ध हुए केजरीवाल ने 10लाख सरकारी नौकरियों का वादा किया था मगर अभी तक एक भी बेरोजगार को नौकरी नहीं दी गई!
इसलिए कह रहा हूँ कि गुजरात मॉडल ही दिल्ली मॉडल है!जय श्रीराम ही जय हनुमान है!अब इसी तरह के मॉडल चलेंगे इसलिए बिहार-यूपी के नेताओं को जय श्री-कृष्ण,जाट नेताओं को हर-हर महादेव,गुर्जरों को जय श्री देवनारायण आदि के नारों के साथ कार्ययोजना शुरू कर देनी चाहिए!दलित युवाओं की दूर-दृष्टा का कायल हूँ क्योंकि पहले ही जय भीम के साथ तैयारी कर दी व मुस्लिमों में भी ओवैसी जैसे नेता अल्लाह-हु-अकबर योजना लेकर प्रस्तुत हो रहे है।मतलब साफ है कि जो सही समय पर नजाकत समझेगा उनका भविष्य उज्ज्वल होगा!
बाकी जनता का क्या!जो होगा वो नसीब-ए-खुदा होगा!
प्रेमाराम सियाग