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वाराणसी की फ्रीलांस जर्नलिस्ट Rizavana Tabassum ने की खुदकुशी, छोड़ा सुसाईड नोट
एक लड़की जो ज़िंदगी से भरपूर हो, जो रात दस बजे कीबोर्ड पर ख़बर की एडिटिंग के लिए उंगलियां चलाती हो, लेकिन महज़ 12 घण्टे के अंदर सुबह 10 बजे आत्महत्या कर लेती हो । बेशक दिलो के हाल अल्लाह जानता है, काश रिज़वाना के दिल का हाल किसी ने समझा होता तो एक संवेदनशील पत्रकार खुदकुशी न करती ।
वाराणसी। लोहता थानाक्षेत्र के हरपालपुर गांव निवासी फ्रीलांस जर्नलिस्ट रिज़वाना तबस्सुम (28) की लाश उनके कमरे में फांसी के फंदे से लटकती मिली है। कमरे में लगे पिन बोर्ड में एक कागज भी नत्थी मिला है, जिसमें उनकी हत्या के लिये युवा सपा नेता शमीम नोमानी को जिम्मेदार ठहराया गया है। घटना के बाद पुलिस ने सपा नेता को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।
बताया जा रहा है कि फ्रीलांस जर्नलिस्ट रिजवाना तबस्सुम बीबीसी हिन्दी, द वायर, खबर लहरिया सहित विभिन्न पत्र–पत्रिकाओं और न्यूज़ पोर्टल के लिये रेगुलर आर्टिकिल लिखा करती थीं। उन्होंने बीएचयू के राजीव गांधी कैंपस बरकछा से मास कम्युनिकेशन की शिक्षा हासिल की थी।
लॉकडाउन के बाद हाल ही में रिज़वाना ने वाराणसी के रेड लाइट एरिया कहे जाने वाले मंडुआडीह के शिवदासपुर पर स्टोरी की थी, जो काफी चर्चित हुई थी।
इस संबंध में पुलिस उपाधीक्षक अभिषेक पांडेय ने बताया कि थाने को सुबह सूचना मिली थी कि रिज़वाना तबस्सुम नाम की युवती ने खुदकुशी कर ली है। हमने यहां पहुंचकर युवती के शव को अपने कब्जे में ले लिया है। युवती के कमरे में पिन बोर्ड पर एक युवक को इसके लिये जिम्मेदार ठहराया गया है। मुकदमा दर्ज करके आगे की कार्रवाई की जा रही है।
उनकी आखरी खबर थी…..
“BHU में हिजाब पहनकर रिपोर्टिंग करने पर मुझ पर फब्तियां कसी गईं”