फेसबुक कम्युनिटी स्टैंडर्ड्स आखिर क्या बला है? इस कम्युनिटी स्टैंडर्ड्स के दायरे में बुद्धिजीवी, पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता व सरकार के खिलाफ लेखन करने वाले लोग ही क्यों आते है? मैंने आज तक नहीं देखा कि कोई नफरत फैला रहे संघियों की फेसबुक आई डी ब्लॉक की गई हो या उनकी आई डी हमेशा के लिए बंद की गई हो।कुछ ने तो परेशान होकर दूसरी आईडी ही बना ली है जैसे हिमांशु कुमार जी।लेकिन अभी तक ये तय नहीं है कि दूसरी आईडी भी ब्लॉक होने से बचे रहे।ज़करबर्ग ने भारत के लिए जो मापदंड बनाया है उसमें संघियों को नफरत फैलाने की छूट दी गई है।शायद बीजेपी से उन्हें जो पैसा मिल रहा है वह इसी वजह से है।आज वरिष्ठ पत्रकार शीतल पी सिंह जी की आईडी ब्लॉक कर दी गई।यही कम्युनिटी स्टैंडर्ड्स बता कर।कोई पूछे ज़करबर्ग से आखिर कम्युनिटी स्टैंडर्ड्स लागू करने में भेदभाव क्यों? क्या चुनावों के लिए फेसबुक को खरीद लिया गया है ताकि उन आईडी को बंद किया जाए जो लगातार सक्रिय हैं व सरकार के खिलाफ त्वरित लेखन कर रहे हैं।सब बच के रहिये,आई डी बंद होने पर या फेसबुक से रिएक्शन आने पर msg में बता वें ताकि एक साथ इसे मुद्दा बनाया जाए।
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