फडणवीस सरकार ने पहले ही Detention center की जगह सुरक्षित की है इसे रद्द किया जाए :शमशेर खान पठान

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मुंबई : पूर्व असिस्टेंट कमिश्नर आफ पुलिस और अवामी विकास पार्टी के अध्यक्ष शमशेर खान पठान ने अभी देश में जो हालात चल रहे उसपर बात करते हुवे कहा के मोदी सरकार ने जो काला नागरिकता संशोधन क़ानून लागू किया है जिसकी भारत के हर हिस्से में हर एक धर्म के लोग इस काले क़ानून की मुखालफत कर रहे हैं.  और जगह जगह मोर्चे निकाले जा रहे हैं. जो निरंतर चल रहा है और थमने का नाम नहीं ले रहा है। अमित शाह झूठे हैं जिन्होंने संसद में कहा था के नागरिकता संशोधन क़ानून से किसी भी मुसलमान को तकलीफ नहीं होगी और यह नागरिकता देने वाला क़ानून है और छीनने वाला क़ानून नहीं है जबकि यह कानून लाने का मंशा यह है के पूरे भारत में होने वाले NRC के दौरान कोई भी धर्म का हिन्दु अगर कोई कागजात नहीं दे पाया तो इसे बगैर शर्त उसे भारत की नागरिकता दी जायेगी लेकिन अगर मुसलमान है तो इसे विदेशी करार दे कर इसकी नागरिकता छीन कर इसे डीटेनशन सेंटर में डाला जाएगा जहाँ वो वर्षों जेल की जिंदगी में रहेगा। 

शमशेर खान पठान ने आगे कहा के मोदी सरकार ने यह मंशा तीन वर्षों से बनाया हुवा है और जनवरी २०१९ में केंद्रीय ग्रह मंत्रालय ने सभी राज्यों को आदेश दिया के डीटेनशन सेंटर बनाये जाएँ और विदेशी लोगों को इन डीटेनशन सेंटर में रखा जाए। इसी तरह के डीटेनशन सेंटरजो एक तरह से जेल है वह आसाम में बनाई गयी है जहाँ एक अंदाजे में अनुसार १२०० लोगों को रखा गया है जिन के हालात बहुत खराब हैं और उन्हें कोई पूछने वाला नहीं है। इनमे से कुछ लोग तो तीन वर्ष से ज्यादा समय से इन डीटेनशन सेंटर में रहने पर मज़बूर हैं।
उन्होंने आगे कहा के पिछली फडणवीस सरकार ने नवी मुंबई में जुलाई २०१९ में डीटेनशन सेंटर बनाने के लिए भूखंड आरक्षित किया था जिसका उपयोग देशव्यापी स्तर पर NRC लगने के बाद उपयोग होगा। यह बात पूरी तरह से साफ़ है के NRC इस समय सिर्फ आसाम के लिए लागू है। आसाम की तीन करोड़ तीस लाख जनसँख्या में से 19 लाख लोग अपने कागजात नहीं दे पाये और इन लोगों में से केवल 5 लाख मुसलमान हैं और 15 लाख के आस पास हिन्दू हैं इस बात को ध्यान में रखते हुवे आसाम सरकार ने NRC को रद्द किया। आसाम की NRC की शुरुवात साल 1951 से जारी है जो आजतक खत्म नहीं हो पायी और ऐसी हालत में अमित शाह कह रहे हैं के वह पूरे भारत में NRC लागू करेंगे। 

उन्होंने ने कहा की NRC लागू होने से पहले डीटेनशन सेंटर क्यों बनाये जा रहे हैं जबकि यह सब कुछ मुसलमानों को भय में डालने के लिए किया जा रहा है। महाराष्ट्र की सरकार ने यह तय किया है के वह 100 प्रतिशत सेक्युलर ढंग से काम करेगी तो इन हालात में हम महाराष्ट्र सरकार से और ख़ास करके कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस के नेताओं से अपील करते हैं के नवी मुंबई में बनने वाले डीटेनशन सेंटर का प्रोजेक्ट रोका जाये ताके लोगों में दहशत न रहे और साथ ही जिस तरह से उन्होंने बुलेट ट्रैन और आरे कॉलोनी में मेट्रो के कारशेड का फडणवीस सरकार के आदेश को रद्द किया इसी तरह से इस डीटेनशन सेंटर के प्रोजेक्ट को रोका जाये और अगर ऐसा नहीं हुवा तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा। 
SC, ST, OBC संस्थाओं ने भी इस काले क़ानून खिलाफ कमर कस और 26 दिसम्बर को वंचित बहुजन अघाड़ी ने बड़े स्तर पर दादर से आज़ाद मैदान तक मोर्चे का आयोजन किया है और साथ ही बहुजन मुक्ति पार्टी के सर्वेसर्वा आदरणीय वामन मेश्राम ने भी पूरे भारत में उनकी संस्था द्वारा विरोध करना शुरू किया है और 30 जनवरी 2020 को भारत बंद का भी ऐलान किया है इस तरह से इस काले क़ानून के खिलाफ मोर्चा और आंदोलन जारी हैं जो थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।

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