SD24 News Network
प्रिय भारतीयो! मोदी-भाजपा के “घंटाशास्त्रीय ज्ञान” पर ध्यान मत दीजिये और कृपया मेरे लिये ताली मत बजाइये !!
मैं एक डॉक्टर हूं और मैं नहीं चाहती कि आप कल मेरे लिये ताली बजायें। मैं पिछले दो दशकों से गंभीर रूप से संदूषित संक्रमण के रोगियों का इलाज़ करती आ रही हूं और कोरोना के समय में भी ऐसा करना जारी रखूंगी, लेकिन मैं नहीं चाहती कि कोई भी मेरे लिये 22 मार्च को ताली बजाये।
इसके बजाय, आप तमाम ज़िम्मेदार नागरिक, जिनके कुछ मौलिक अधिकार हैं, मैं चाहती हूं कि आप मोदी जी और भाजपा सरकार पर दबाव डालें कि वे ज़रूरतमंदों की मदद के लिये तत्काल कुछ ठोस काम करें, जैसे :
- ~ आपदा राहत कोष और चिकित्सा सहायता रणनीति का सभी के लिये आवंटन
- ~ कोरोना संकट का मुक़ाबला करने के लिये कम से कम उससे दोगुनी राशि फ़ौरन ज़ारी करें, जितनी आपने सरदार पटेल की मूर्ति के लिये ज़ारी की थी।
- ~ कॉरपोरेट्स और अपने उन उद्योगपति मित्रों से, जिन्हें आपने हमारा पैसा लेकर देश से भागने दिया, या जिनके संकट का समाधान करने के लिये हमारे पैसों से बेल आउट पैकेज दिया, उनसे मिल कर यह बतायें कि अब देश को मौज़ूदा संकट से उबारने के लिये बेल आउट देने की बारी उनकी है।
- ~ लूट-लूट कर इकट्ठा किये गये टनों सोना, चांदी और वे सारे रुपये, जो अब भी तिरुपति, पद्मनाभन, शिरडी, सिद्धिविनायक और पुरी के मंदिरों में जमा हैं, उनको राष्ट्रीय ख़ज़ाना घोषित करें, ताकि मौज़ूदा कोरोना आपदा और ऐसी ही कई दूसरी विपत्तियों के कठिन वक़्त में देशहित में उनका उपयोग किया जा सके।
अगर कुछ करना ही है, तो ताली बजाना छोड़ कर कम से कम इतना कर दें…। अगर यह सब नहीं करना है, तो मैं नहीं चाहती कि आप मेरे लिये ताली बजायें।
-डॉक्टर मनीषा बांगर
(वरिष्ठ सलाहकार गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट और ट्रांसप्लांट हेपेटोलॉजिस्ट, हैदराबाद, भारत)