नांदेड : नांदेड के ग्रामीण पुलिस थाणे अंतर्गत पुलिस द्वारा देवासरकर की शिकायत पर हिरासत में ली गयी सरकारी राशन की गाडी 4119 जो विडियो में दिखाई दे रही है इसको छुडाने के लिए पुलिस प्रशासन को गुमराह कर अनाज राशन का ना होने के फर्जी सबूत इकठ्ठा करने में जुटे है राशन माफिया. नाम ना बताने की शर्त पर मिली गुप्त सुचना के अनुसार उमरी नांदेड समेत और कुछ शहरों की मार्किट से चांवल खरीदी की फर्जी पर्चियां जमा की जा रही है. जो उमरी के कृषि उत्पन्न बाजार समिति में कार्यरत कर्मचारियों के सहयोग से बनायीं जा रही है. इसकी वजह यह है की शासन प्रशासन को गुमराह कर किसी भी तरह लीगल अनाज होने की कवायत माफियाओं की और से तेज हो गयी है.
सूत्रों के अनुसार पता चला के माफियाओ द्वारा धमकियां दी जा रही है इसीलिए उन्हें जाहिरी तौर पर जानकारी देने में डर महसूस हो रहा है, उन्होंने बताया के जो भी माफियाओं के खिलाफ जाता है उसे धमकियां दी जाती है और वक्त जरुरत मारपीट की की जाती है इसी वजह से इन माफियाओं के खिलाफ कोई कुछ कहने से कतराता है. आपको बता दें की, देवासरकर जैसी राज्य लेवल के संगठन के पदाधिकारियों को यह माफिया जान से मरने की धमकी दे सकते है तो छोटे-मोटे लोगो की क्या बिसात. हो सकता है कल को हमें भी धमकिया आ सकती है.
जाहिर सी बात है आज दो दीन बिट गए लेकिन गाडी में भरा अनाज सरकारी राशन नहीं है इसका कोई सबूत नहीं मिला, अगर कल को मार्किट से पर्चियां लाकर राशन को बाजार से खरीदा हुआ बताया जाए तो फर्जी पर्चियां होने से कोई इनकार नहीं कर सकता. हम पुलिस प्रशासन से उम्मीद करते हैं की ऐसी किसी तरह की पर्चियां दिखाई जाए तो उनकी भी जांच होनी चाहिए जिन्होंने पर्चियां दी है. राशन भ्रटाचार का मामला अति गंभीर होने के कारण ही सीबीआई को सौंपा गया इस तरह की चर्चा आम लोगो में हो रही है.